आधार कार्ड में गलत जानकारी देना पड़ेगा महंगा, सजा के साथ देना पड़ेगा भारी जुर्माना
आधार कार्ड में अगर जानबूझकर दी गलत जानकारी, तो हो सकती है 3 साल तक की जेल और ₹1 लाख तक का जुर्माना। जानें पूरा कानून और बचाव के तरीके।

आधार कार्ड आज भारत में एक अनिवार्य पहचान पत्र बन चुका है। चाहे बैंक खाता खोलना हो, मोबाइल सिम लेना हो या फिर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना हो — हर जगह आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपने अपने आधार कार्ड में जानबूझकर कोई गलत जानकारी दी है या किसी अन्य का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है, तो इसके क्या परिणाम हो सकते हैं?
UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने आधार से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत जानकारी देता है, तो उसे जेल की सजा और भारी जुर्माना दोनों हो सकते हैं। इस ब्लॉग में हम विस्तार से बताएंगे कि आधार कार्ड में गलत जानकारी देने पर क्या सजा मिल सकती है, किन परिस्थितियों में यह अपराध माना जाएगा और कैसे इससे बचा जा सकता है।
1. आधार एक्ट 2016 क्या कहता है?
आधार एक्ट 2016 के तहत, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठी जानकारी देता है या धोखे से किसी और की पहचान का उपयोग करता है, तो उसे अपराधी माना जाएगा। इसके तहत दो तरह की कार्रवाइयाँ हो सकती हैं:
- धारा 35 के तहत: यदि कोई व्यक्ति नाम, जन्मतिथि, पता आदि जैसी व्यक्तिगत जानकारी में जानबूझकर गलत विवरण देता है तो यह अपराध माना जाएगा।
- धारा 36 और 37: ये धाराएं उन पर लागू होती हैं जो आधार नंबर का गलत इस्तेमाल करते हैं या किसी और की जानकारी को गलत तरीके से प्राप्त करते हैं।
2. क्या होती है सजा?
UIDAI के अनुसार, गलत जानकारी देने या फर्जी दस्तावेज़ों से आधार कार्ड बनवाने पर निम्नलिखित सजा का प्रावधान है:
- जेल की सजा: दोषी पाए जाने पर अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है।
- जुर्माना: दोषी व्यक्ति को ₹10,000 से लेकर ₹1 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
- यदि अपराध कोई कंपनी या संस्था करती है, तो ₹1 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
3. किन मामलों को आधार धोखाधड़ी माना जाएगा?
UIDAI और आधार एक्ट के अनुसार, निम्नलिखित स्थितियाँ धोखाधड़ी की श्रेणी में आती हैं:
- किसी और व्यक्ति की पहचान का उपयोग करके आधार बनवाना।
- फर्जी नाम, जन्मतिथि, पता, बायोमेट्रिक या फोटो देना।
- गलत दस्तावेज़ों की मदद से आधार बनवाना।
- जानबूझकर किसी के आधार नंबर का दुरुपयोग करना।
- किसी संगठन द्वारा बिना अनुमति के आधार डाटा का उपयोग करना।
- एक से अधिक आधार नंबर बनवाने की कोशिश करना।
4. कैसे होती है जांच और कार्यवाही?
जब भी UIDAI को किसी गड़बड़ी की जानकारी मिलती है, तो वह प्राथमिक रूप से उस व्यक्ति या संस्था को नोटिस भेजता है। इसके बाद मामले की जांच होती है:
- अगर अपराध सिद्ध होता है तो केस को कोर्ट में भेजा जाता है।
- UIDAI का Data Vault और Audit System बहुत मजबूत है, जिससे संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है।
- बायोमेट्रिक डुप्लिकेशन या एक जैसे दस्तावेज़ मिलने पर जांच शुरू हो जाती है।
5. किसे मिली है कार्रवाई की शक्ति?
UIDAI ने कई अधिकारियों और एजेंसियों को यह शक्ति दी है कि वे आधार कार्ड के दुरुपयोग की जांच कर सकें। इनमें शामिल हैं:
- UIDAI के क्षेत्रीय अधिकारी
- पुलिस विभाग
- साइबर क्राइम यूनिट्स
अगर कोई व्यक्ति या संस्था दोषी पाई जाती है, तो केस सीधे कोर्ट तक जा सकता है।
6. क्या आप जानते हैं? – वास्तविक घटनाएं
कुछ साल पहले, एक युवक ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 3 अलग-अलग आधार कार्ड बनवाए थे, ताकि वह अलग-अलग पहचान से बैंक लोन ले सके। UIDAI को जब इस बात की जानकारी मिली तो उसे गिरफ्तार किया गया और कोर्ट ने उसे 2 साल की सजा और ₹50,000 का जुर्माना सुनाया।
इसी तरह, कई लोग मोबाइल सिम खरीदने के लिए किसी और का आधार नंबर इस्तेमाल करते हैं। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और सख्त दंड का प्रावधान है।
7. आम लोगों की गलती बन सकती है महंगी
अक्सर देखा गया है कि लोग अनजाने में किसी एजेंट को अपने डॉक्यूमेंट्स दे देते हैं, और वे उनका दुरुपयोग कर देते हैं। जैसे:
- बिना चेक किए KYC फार्म पर साइन करना
- किसी दोस्त या रिश्तेदार के आधार नंबर का उपयोग करना
- किसी और की फोटो लगाकर अपना आधार बनवाना
ऐसी गलतियाँ भी अपराध की श्रेणी में आती हैं।
8. गलत जानकारी से कैसे बचें?
1. आधार में दी गई जानकारी को हमेशा सत्य और अद्यतन रखें।
2. UIDAI की वेबसाइट या mAadhaar ऐप से आधार की गतिविधि की जांच करें।
3. किसी भी एजेंट को अपने दस्तावेज़ तभी दें जब वह प्रमाणित हो।
4. आधार लॉक/अनलॉक की सुविधा का उपयोग करें।
5. SMS और Email अलर्ट्स को ऑन रखें ताकि किसी भी गतिविधि की जानकारी तुरंत मिल सके।
9. आधार की जानकारी अपडेट कैसे करें?
अगर आपने गलती से कोई जानकारी गलत दे दी है या अब उसे अपडेट करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:
- UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट (https://uidai.gov.in) पर लॉगिन करके अपडेट करें।
- आधार नामांकन केंद्र पर जाकर अपडेट फार्म भरें।
- mAadhaar ऐप के जरिए कुछ जानकारियाँ अपडेट की जा सकती हैं।
आधार कार्ड की उपयोगिता और सुरक्षा को देखते हुए, इसकी जानकारी में किसी भी प्रकार की लापरवाही या धोखाधड़ी महंगी पड़ सकती है। यह न केवल कानूनी संकट में डाल सकता है, बल्कि आपके जीवन से जुड़ी कई सुविधाएं भी बंद हो सकती हैं। अगर आपने अनजाने में या जानबूझकर कोई गलत जानकारी दी है, तो समय रहते उसे सुधारें और UIDAI के नियमों का पालन करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी कानूनी या तकनीकी निर्णय के लिए विशेषज्ञ या सरकारी स्रोत से सलाह लेना आवश्यक है।