लव मैरिज से लेकर हत्या तक: पति की सरकारी नौकरी के लिए शिवानी ने रचा खौफनाक षड्यंत्र

उत्तर प्रदेश में प्रेम विवाह के बाद पत्नी ने पति को मौत के घाट उतार दिया, सिर्फ उसकी सरकारी नौकरी पाने के लिए। पढ़ें यह चौंकाने वाली सच्ची कहानी।

लव मैरिज से लेकर हत्या तक: पति की सरकारी नौकरी के लिए शिवानी ने रचा खौफनाक षड्यंत्र

 

लव मैरिज, लालच और 'वो': पति की सरकारी नौकरी पाने के लिए मिटा दिया सुहाग, कैसे खुला कातिल शिवानी का राज?

"जिसे जिंदगी भर निभाने का वादा किया, उसी की जान ले ली—क्योंकि लालच इश्क पर भारी पड़ गया।"

उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में घटी इस वारदात ने हर किसी को चौंका दिया। एक प्रेम विवाह, फिर अचानक पति की मौत, और फिर खुलता है ऐसा राज जो रिश्तों की नींव पर सवाल उठा देता है।

यह कहानी है शिवानी की—एक ऐसी महिला जिसने पहले प्रेम किया, शादी की और फिर उसी पति को सरकारी नौकरी के लालच में मार डाला। इस लेख में हम इस चौंकाने वाले केस की पूरी कहानी, सामाजिक संकेत और नैतिक पहलुओं की चर्चा करेंगे।


 कैसे शुरू हुई शिवानी और अंकित की प्रेम कहानी?

शिवानी और अंकित (बदला हुआ नाम) की मुलाकात एक कोचिंग क्लास में हुई थी। दोनों के बीच प्यार पनपा और जल्द ही उन्होंने लव मैरिज कर ली। घर वालों की रजामंदी के साथ नहीं, लेकिन प्यार के नाम पर दोनों ने ज़िंदगी की नई शुरुआत की।

अंकित एक सरकारी कर्मचारी था—रेलवे में क्लर्क के पद पर कार्यरत। शिवानी एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थी। बाहर से देखने में सब कुछ सामान्य था। लेकिन अंदर ही अंदर कुछ और चल रहा था।


शादी के बाद बदल गया मिज़ाज

शादी के कुछ ही महीनों में रिश्ते में खटास आनी शुरू हो गई। शिवानी अक्सर झगड़ती, अंकित डरा-डरा रहने लगा। घरवालों ने सोचा कि नई शादी में एडजस्टमेंट का समय लग सकता है, लेकिन सच्चाई कुछ और थी।

अंकित को कुछ अजीब हरकतें महसूस होने लगी थीं। शिवानी फोन पर घंटों किसी से बात करती थी, और जब अंकित पूछता तो बात टाल देती।


 कौन था 'वो'—शिवानी का प्रेमी?

जांच में सामने आया कि शिवानी का शादी के बाद भी एक युवक से संबंध चल रहा था। उसका नाम अभी पुलिस ने गोपनीय रखा है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार वो बेरोजगार था और शिवानी से पैसों की मांग करता था।

यहीं से जन्म लिया एक खतरनाक साजिश ने।


सरकारी नौकरी पाने की 'स्कीम'

भारत में कई विभागों में ऐसी नीति है कि अगर सरकारी कर्मचारी की मृत्यु ड्यूटी पर हो जाती है, तो उसके परिवार के किसी सदस्य को Compassionate Appointment के तहत नौकरी दी जाती है।

शिवानी और उसके प्रेमी ने इस नियम का फायदा उठाने की योजना बनाई। प्लान था कि अंकित की "दुर्घटनावश" हत्या कर दी जाए, और फिर शिवानी सरकारी नौकरी पा सके।


कैसे हुई हत्या?

एक दिन अंकित की मौत की खबर सामने आई—बताया गया कि उसने आत्महत्या कर ली। लेकिन पुलिस को घटनास्थल की स्थिति, शव की स्थिति और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ असामान्य बातें नज़र आईं।

  • गले पर दबाव के निशान थे जो आत्महत्या नहीं बल्कि गला दबाने से हुए लगते थे
  • शव के आसपास कोई सुसाइड नोट नहीं था
  • शिवानी के बयानों में विरोधाभास थे

पुलिस ने शक के आधार पर शिवानी से कड़ी पूछताछ शुरू की, और फिर कुछ ऐसा सामने आया जिसने सबको हिला दिया।


 कैसे खुला राज?

मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड्स और टेक्निकल सर्विलांस के ज़रिए पुलिस ने सबूत इकट्ठा किए।

  • शिवानी ने हत्या के दिन कई बार अपने प्रेमी से बात की थी
  • प्रेमी की लोकेशन घटनास्थल के पास मिली
  • शिवानी ने कंपैशनेट जॉब के लिए अंकित की मौत के एक हफ्ते में ही आवेदन कर दिया

पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर जब कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने गुनाह कबूल कर लिया।


कानूनी कार्यवाही और समाज का आक्रोश

शिवानी और उसके प्रेमी के खिलाफ धारा 302 (हत्या), 120B (षड्यंत्र), और 201 (सबूत मिटाने) के तहत केस दर्ज किया गया है।

अंकित के परिजन और स्थानीय समाज ने कड़ी सजा की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस केस को लेकर नाराज़गी जताई है।


 सामाजिक और नैतिक सवाल

इस घटना ने कई गहरे सवाल उठाए हैं:

  • क्या प्रेम अब इतना कमजोर हो गया है कि वह लालच से हार जाए?
  • क्या सरकारी सिस्टम के loopholes अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं?
  • क्या समाज को रिश्तों में गहराई से समझने और विवाह के मूल्यों पर फिर से ध्यान देने की जरूरत है?

 हमारी सोच: रिश्ते, लालच और कानून

यह केस केवल एक हत्या की कहानी नहीं है, यह एक गिरते सामाजिक मूल्यों की चेतावनी भी है।

  • हमें रिश्तों में पारदर्शिता और सम्मान की जरूरत है
  • युवा पीढ़ी को यह समझना होगा कि सच्चा प्यार अधिकार नहीं, ज़िम्मेदारी है
  • और सबसे ज़रूरी बात—कानून को ठगने की सोच अंततः खुद को धोखा देने जैसी होती है

 निष्कर्ष

शिवानी और उसके प्रेमी की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि लालच, धोखा और गलत इरादे कभी टिक नहीं सकते।

अंकित की मौत ने सिर्फ एक इंसान की जान नहीं ली, बल्कि सैकड़ों उम्मीदों और रिश्तों को भी खत्म कर दिया। यह घटना आज भी लोगों के ज़ेहन में सवाल छोड़ती है—क्या प्यार सिर्फ दिखावा रह गया है?