बिक्रमजीत सिंह: बीमा पॉलिसी बेचने से 100 करोड़ की एग्री-बिजनेस कंपनी खड़ी करने तक का सफर

बिक्रमजीत सिंह ने बीमा पॉलिसी बेचने से अपने करियर की शुरुआत की और खेती के शौक को पेशा बनाकर 100 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी।

बिक्रमजीत सिंह: बीमा पॉलिसी बेचने से 100 करोड़ की एग्री-बिजनेस कंपनी खड़ी करने तक का सफर

कहते हैं अगर इरादे मजबूत हों तो रास्ते खुद बन जाते हैं।
बिक्रमजीत सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
एक समय जो व्यक्ति बीमा पॉलिसी बेचकर अपना जीवन चला रहा था, आज वह खेती के क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कंपनी के मालिक हैं।
उनकी यह यात्रा सिर्फ मेहनत और लगन की नहीं, बल्कि जुनून को पेशा बनाने की प्रेरक मिसाल भी है।


शुरुआती जीवन

बिक्रमजीत सिंह का जन्म एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था।
हालांकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, फिर भी उनमें कुछ बड़ा करने का जज्बा बचपन से ही था।
उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश शुरू की और जल्दी ही बीमा कंपनी में एजेंट के तौर पर काम करने लगे।

बीमा पॉलिसी बेचना एक कठिन काम था। दिनभर लोगों से मिलना, समझाना और कभी-कभी अपमान भी सहना पड़ता था।
लेकिन बिक्रमजीत ने हार नहीं मानी। उन्होंने इस दौर में मेहनत, धैर्य और लोगों से संवाद करना बखूबी सीखा, जो बाद में उनके बिजनेस में बेहद काम आया।


खेती के प्रति जुनून

बीमा क्षेत्र में काम करते हुए भी बिक्रमजीत का मन खेती में ही बसता था।
खाली समय में वे अपने गांव जाकर खेतों में काम करना पसंद करते थे।
खेती उनके लिए केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि आत्मिक संतुष्टि का स्रोत था।

धीरे-धीरे उन्होंने महसूस किया कि पारंपरिक खेती के तरीके से बहुत बड़ा बदलाव नहीं आ सकता।
अगर खेती को आधुनिक तकनीकों और सही बिजनेस मॉडल के साथ जोड़ा जाए तो इसमें अपार संभावनाएं हैं।


नौकरी छोड़कर खेती का रास्ता चुना

करीब 5 साल तक बीमा कंपनी में काम करने के बाद, बिक्रमजीत ने एक बड़ा फैसला लिया —
नौकरी छोड़कर पूरी तरह खेती को अपना करियर बनाना।

उनके इस फैसले का परिवार और समाज ने विरोध भी किया।
लोगों ने कहा कि पढ़-लिखकर फिर खेती करना समझदारी नहीं है।
लेकिन बिक्रमजीत जानते थे कि वे क्या कर रहे हैं।
उन्होंने खेती को एक बिजनेस की तरह देखने का नजरिया अपनाया।


कैसे शुरू हुई सफर की असली कहानी

शुरुआत में बिक्रमजीत ने कुछ एकड़ जमीन पर पारंपरिक फसलें जैसे गेहूं और चावल उगाना शुरू किया।
लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि सिर्फ पारंपरिक खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं कमाया जा सकता।

उन्होंने रिसर्च करना शुरू किया।

  • बाजार की मांग क्या है?
  • कौन-सी फसलें ज्यादा मुनाफा देती हैं?
  • आधुनिक तकनीकों का उपयोग कैसे किया जा सकता है?

इसके बाद उन्होंने ऑर्गेनिक खेती और हाई-वैल्यू क्रॉप्स (जैसे स्ट्रॉबेरी, मशरूम, हर्ब्स) की तरफ रुख किया।
उन्होंने ड्रिप इरिगेशन, ग्रीनहाउस, मल्चिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल शुरू किया।


"ग्रीन फार्मिंग टेक्नोलॉजीज" कंपनी की स्थापना

2012 में बिक्रमजीत सिंह ने अपनी कंपनी "ग्रीन फार्मिंग टेक्नोलॉजीज" की नींव रखी।
इस कंपनी का उद्देश्य था — किसानों को आधुनिक खेती के लिए ट्रेनिंग देना, तकनीकी मदद देना और उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना।

धीरे-धीरे बिक्रमजीत की कंपनी ने कई राज्यों में अपनी पकड़ बना ली।
वे किसानों को

  • जैविक खेती
  • ग्रीनहाउस सेटअप
  • जल प्रबंधन
  • उन्नत बीज और उपकरण
    जैसी सेवाएं देने लगे।

कंपनी ने किसानों को जोड़ा और उन्हें सीधे ग्राहकों से जोड़कर बीच के बिचौलियों को हटाया, जिससे किसानों की आय में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।


सफलता की कहानी

आज बिक्रमजीत सिंह की कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से भी अधिक है।
कंपनी के क्लाइंट्स में न केवल छोटे किसान हैं, बल्कि बड़े एग्री बिजनेस फर्म्स और सरकारी संस्थान भी शामिल हैं।

बिक्रमजीत ने न सिर्फ खुद सफलता हासिल की, बल्कि हजारों किसानों के जीवन को भी बदला है।
उनकी कंपनी के माध्यम से सैकड़ों किसान अब ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं और अपनी आय को दोगुना-तिगुना कर चुके हैं।


चुनौतियाँ और संघर्ष

बिक्रमजीत का सफर आसान नहीं था।

  • शुरुआती वर्षों में वित्तीय संकट आए।
  • आधुनिक तकनीकों को अपनाने में किसानों की हिचकिचाहट थी।
  • सामाजिक दबाव और आलोचना झेलनी पड़ी।

लेकिन हर बार बिक्रमजीत ने धैर्य और सकारात्मक सोच के साथ इन चुनौतियों का सामना किया।
उन्होंने खुद उदाहरण बनकर दिखाया कि मेहनत और सच्ची लगन से कुछ भी संभव है।


भविष्य की योजनाएं

बिक्रमजीत सिंह अब अपने बिजनेस को और विस्तार देना चाहते हैं।
उनकी योजना है:

  • पूरे भारत में जैविक उत्पादों का नेटवर्क बनाना।
  • किसानों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करना, जहां वे सीधे अपने उत्पाद बेच सकें।
  • गांवों में एग्री-बिजनेस ट्रेनिंग सेंटर खोलना।

उनका सपना है कि भारतीय किसान आधुनिक तकनीक से लैस हों और खेती को एक सम्मानजनक और लाभदायक पेशा बना सकें।


प्रेरणा क्यों हैं बिक्रमजीत सिंह?

बिक्रमजीत सिंह उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो छोटी शुरुआत से बड़े सपने देखते हैं।
उनकी कहानी हमें सिखाती है:

  • पैशन को करियर में बदलना संभव है।
  • जोखिम लेने से डरना नहीं चाहिए।
  • असफलता से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीखना चाहिए।
  • मेहनत और धैर्य से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

निष्कर्ष

बिक्रमजीत सिंह ने साबित कर दिया कि खेतों में भी करोड़ों की दौलत उगाई जा सकती है, बशर्ते सोच बड़ी हो और नजरिया बदला जाए।
उनकी यात्रा एक शानदार उदाहरण है कि कैसे परंपरागत पेशे को आधुनिक दृष्टिकोण और तकनीक से जोड़कर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की जा सकती है।
आज वे न सिर्फ एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि नए भारत के ग्रामीण विकास के एक चमकते सितारे भी हैं।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न उपलब्ध स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित है। इस लेख का उद्देश्य केवल प्रेरणा और सूचना प्रदान करना है। व्यवसायिक निर्णय लेते समय पाठकों को स्वयं अतिरिक्त जानकारी और विशेषज्ञ सलाह अवश्य लेनी चाहिए।