Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जी के प्रसन्न होने पर मिलते हैं ये संकेत, न करें नजरअंदाज
Hanuman Janmotsav 2025 पर जानिए वो 5 दिव्य संकेत जो दर्शाते हैं कि हनुमान जी आपसे प्रसन्न हैं। सपनों, ऊर्जा और जीवन में आने वाले चमत्कारों को न करें नजरअंदाज।

Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जी के प्रसन्न होने पर मिलते हैं ये संकेत, न करें नजरअंदाज
हर साल चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाने वाला हनुमान जन्मोत्सव श्रद्धा, भक्ति और शक्ति का प्रतीक होता है। यह दिन भगवान हनुमान के प्राकट्य का पर्व है। माना जाता है कि इस दिन जो भक्त सच्चे मन से बजरंगबली की आराधना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में संकटों का अंत होता है।
हनुमान जी को कलियुग के जीवंत देवता माना जाता है, जो अपने भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब हनुमान जी आपसे प्रसन्न होते हैं, तो क्या कोई संकेत मिलते हैं?
हम जानेंगे —
- हनुमान जन्मोत्सव 2025 की तिथि
- हनुमान जी के प्रसन्न होने के संकेत
- क्या करें और क्या न करें
- ज्योतिषीय दृष्टिकोण से संकेतों का महत्व
हनुमान जन्मोत्सव 2025 की तिथि
दिनांक: ,12 अप्रैल 2025
पर्व: चैत्र पूर्णिम
हनुमान जी के प्रसन्न होने के संकेत – पहचानिए ये दिव्य लक्षण
भगवान हनुमान जब किसी भक्त से प्रसन्न होते हैं, तो वे जीवन में कुछ अद्भुत संकेतों के माध्यम से अपना आशीर्वाद दर्शाते हैं। आइए जानते हैं वो कौन-कौन से लक्षण हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
1. सपनों में हनुमान जी या लाल रंग दिखना
अगर आपको सपने में हनुमान जी की झलक मिले, या आप लाल रंग के कपड़े, झंडा या सिंदूर देखें, तो समझिए कि वह आपके संकट हरने आ चुके हैं।
विशेष संकेत: लाल ध्वजा या उड़ता झंडा देखना — शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।
2. बिना कारण मन प्रसन्न और स्थिर रहना
अगर जीवन में अचानक मानसिक शांति आने लगे, चिंताओं में कमी आए और हर स्थिति में सकारात्मकता दिखे — तो यह बजरंगबली की कृपा है।
“मन की स्थिति बदलना, हनुमान जी की सबसे बड़ी कृपा मानी जाती है।”
3. हनुमान जी से जुड़े मंत्र अपने-आप याद आना
अगर बिना कारण “जय बजरंगबली” या “ॐ हनुमते नमः” जैसे मंत्र खुद-ब-खुद मन में आने लगें, तो यह संकेत है कि आत्मा हनुमान ऊर्जा से जुड़ गई है।
4. बंदर का दिखना या घर के आसपास आना
कहा जाता है कि बंदर हनुमान जी का ही स्वरूप हैं। अगर बार-बार कहीं न कहीं बंदर दिखने लगे या घर के पास आ जाएं, तो यह एक आध्यात्मिक संकेत माना जाता है।
“शुद्ध मन और श्रद्धा हो, तो बजरंगी किसी न किसी रूप में दर्शन दे ही देते हैं।”
5. कठिन समय में अचानक सहायता मिलना
कभी-कभी जब हम पूरी तरह निराश हो जाते हैं और अचानक कोई मदद मिल जाती है — वो भी बिना मांगे — तो ये हनुमान जी का आशीर्वाद होता है। वो संकटमोचन हैं, और संकट में साथ छोड़ते नहीं।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण: हनुमान कृपा और संकेत
- मंगल और शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से छुटकारा तब ही मिलता है जब व्यक्ति हनुमान जी को समर्पित होता है।
- अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष, साढ़ेसाती, या राहु-केतु का कष्ट है और फिर भी आप मानसिक शांति महसूस कर रहे हैं, तो ये हनुमान कृपा का ही परिणाम है।
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ते समय अगर शरीर में कंपन (vibration) महसूस हो तो वह दिव्य ऊर्जा का संकेत माना जाता है।
क्या करें हनुमान जन्मोत्सव पर?
- हनुमान चालीसा का पाठ करें — कम से कम 7 बार।
- लाल फूल, सिंदूर और चने का भोग लगाएं।
- मंदिर जाकर बजरंगबली का दर्शन करें या घर पर दीपक जलाएं।
- गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें — हनुमान जी इससे अति प्रसन्न होते हैं।
- यदि संभव हो तो "सुंदरकांड" का पाठ करें।
क्या न करें?
- इस दिन मांसाहार, शराब, प्याज-लहसुन आदि से बचें।
- झूठ, क्रोध, द्वेष और कटु वचन न बोलें।
- हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं, इसलिए इस दिन पवित्रता और संयम बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष
हनुमान जन्मोत्सव केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशक्ति को जाग्रत करने का एक पवित्र अवसर है। यदि आप इन दिव्य संकेतों को महसूस करते हैं, तो समझ लीजिए कि बजरंगबली की कृपा आपके साथ है। इन संकेतों को नजरअंदाज न करें — बल्कि उन्हें धन्यवाद कहें और अपने जीवन में उनकी उपस्थिति को स्वीकार करें।
हनुमान जी से जुड़ी ये अनुभूतियाँ जीवन बदल सकती हैं। इस हनुमान जन्मोत्सव पर खुद को उनकी भक्ति में समर्पित कर दीजिए — संकट खुद-ब-खुद भाग जाएंगे।