डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर (DICSC): गांव-गांव तक ई-सेवाओं की क्रांति
जानिए क्या है डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर (DICSC), कैसे काम करता है, कौन शुरू कर सकता है, और इससे कैसे जुड़ें व कमाई करें।

डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर (DICSC) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो डिजिटल इंडिया अभियान के तहत शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों तक सरकार की ई-सेवाओं को पहुंचाना है। ये सेंटर सूचना और सेवा के बीच की खाई को पाटने का काम कर रहे हैं, जिससे आम नागरिकों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सके।
आज भारत के हर जिले, तहसील और गाँव में DICSC (या CSC) केंद्र नागरिकों की मदद कर रहे हैं – चाहे वो जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हो, पैन कार्ड, आधार अपडेट, बिजली बिल भरना हो या ऑनलाइन फॉर्म भरना।
डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर (DICSC) क्या है?
DICSC यानी Digital India Common Service Center एक ऐसा डिजिटल सेवा केंद्र है जहाँ पर विभिन्न प्रकार की सरकारी और गैर-सरकारी सेवाएं एक ही छत के नीचे मिलती हैं। इसे एक तरह से डिजिटल ग्राम सेवा केंद्र कह सकते हैं।
यह केंद्र स्थानीय स्तर पर काम करने वाले Village Level Entrepreneurs (VLEs) द्वारा संचालित किए जाते हैं। ये VLEs सरकार के अधिकृत पार्टनर होते हैं, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और ऑनलाइन पोर्टल की एक्सेस मिलती है।
DICSC का उद्देश्य
डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर का मुख्य उद्देश्य है:
- नागरिकों को उनके घर या गांव के पास ही ई-गवर्नेंस सेवाएं उपलब्ध कराना
- डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना
- रोजगार के नए अवसर पैदा करना
- सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुँचाना
DICSC में मिलने वाली प्रमुख सेवाएं
DICSC या CSC के माध्यम से अनेक प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिनमें मुख्यतः तीन श्रेणियाँ होती हैं:
1. G2C (Government to Citizen) सेवाएं:
- पैन कार्ड बनवाना
- आधार कार्ड अपडेट करना
- पासपोर्ट सेवा
- जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र बनवाना
- वोटर आईडी कार्ड
- नरेगा जॉब कार्ड
- बिजली-पानी-गैस का बिल भरना
- जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र
2. B2C (Business to Citizen) सेवाएं:
- मोबाइल रिचार्ज और DTH रिचार्ज
- ऑनलाइन शॉपिंग ऑर्डर
- बीमा पॉलिसी लेना
- यात्रा टिकट बुकिंग (रेल, बस, फ्लाइट)
3. शिक्षा और कौशल विकास सेवाएं:
- डिजिटल साक्षरता पाठ्यक्रम (PMGDISHA)
- ऑनलाइन कोचिंग और स्किल डेवलपमेंट
- टैली और कंप्यूटर कोर्स
- अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण
DICSC कैसे काम करता है?
DICSC एक सेवा प्रदाता पोर्टल पर आधारित प्रणाली है, जिसमें VLE को एक लॉगिन आईडी दी जाती है। VLE के पास कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन, प्रिंटर और बायोमेट्रिक डिवाइस होते हैं। वे नागरिकों के डाटा को सुरक्षित तरीके से सिस्टम में दर्ज करते हैं और संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं।
हर सेवा के लिए एक निर्धारित शुल्क लिया जाता है, जिसमें से कुछ हिस्सा सरकार को और कुछ VLE को मिलता है। इससे VLE को आय होती है और नागरिकों को सुविधा मिलती है।
DICSC शुरू करने के लिए योग्यता और प्रक्रिया
कौन शुरू कर सकता है CSC?
- कोई भी भारतीय नागरिक जो 18 वर्ष से ऊपर हो
- न्यूनतम 10वीं पास हो
- कंप्यूटर और इंटरनेट की सामान्य जानकारी रखता हो
- उसके पास कंप्यूटर, प्रिंटर और इंटरनेट की सुविधा हो
आवेदन की प्रक्रिया:
1. CSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: https://register.csc.gov.in
2. Apply as a VLE ऑप्शन चुनें
3. जरूरी जानकारी भरें: आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल
4. दस्तावेज़ अपलोड करें (ID Proof, Address Proof, फोटो)
5. आवेदन सबमिट करें
कुछ दिनों के भीतर वेरीफिकेशन के बाद CSC ID और पासवर्ड मिल जाता है।
डिजिटल इंडिया अभियान से जुड़ाव
DICSC, डिजिटल इंडिया अभियान का प्रमुख हिस्सा है, जिसका सपना है:
“Transform India into a digitally empowered society and knowledge economy.”
CSC के माध्यम से ये लक्ष्य संभव हो रहा है क्योंकि यह:
- ग्राम स्तर पर इंटरनेट और सेवाओं की पहुँच बना रहा है
- ई-गवर्नेंस को आसान और पारदर्शी बना रहा है
- भ्रष्टाचार में कमी ला रहा है
- ग्रामीण युवाओं को डिजिटल शिक्षा दे रहा है
CSC से कैसे कमाई होती है?
VLE को हर सेवा के बदले कुछ कमीशन मिलता है। जैसे:
सेवा |
अनुमानित आय |
पैन कार्ड सेवा |
₹25 प्रति आवेदन |
बिजली बिल भुगतान |
₹5-10 प्रति भुगतान |
बीमा पॉलिसी |
₹100-200 प्रति ग्राहक |
पासपोर्ट सेवा |
₹50-100 प्रति आवेदन |
ट्रेन टिकट बुकिंग |
₹20-40 प्रति टिकट |
इसके अलावा, VLE अन्य निजी सेवाएं जैसे फोटोकॉपी, लैमिनेशन, फोटो स्टूडियो आदि जोड़कर भी कमाई कर सकते हैं।
CSC की सफलता की कहानियाँ
1. रामकिशोर यादव (उत्तर प्रदेश)
उन्होंने अपने गांव में CSC खोला और अब हर महीने ₹30,000 तक कमाई कर रहे हैं। गांव में उन्हें “डिजिटल बाबू” कहा जाता है।
2. कविता बेन पटेल (गुजरात)
महिलाओं को डिजिटल साक्षरता सिखाने का बीड़ा उठाया। उनके सेंटर से 1000+ महिलाएं प्रशिक्षित हो चुकी हैं।
CSC के लाभ
- नागरिकों को सुविधाजनक सेवा
- समय और पैसे की बचत
- पारदर्शिता और डिजिटल रिकॉर्ड
- स्थानीय स्तर पर रोजगार
- महिलाओं और युवाओं को स्वावलंबी बनाना
डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर (DICSC) भारत को डिजिटल समाज बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे न केवल सरकार की सेवाएं आम लोगों तक आसानी से पहुंचती हैं, बल्कि यह ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन का भी एक माध्यम बन चुका है।
यदि आप तकनीक में रुचि रखते हैं और अपने गाँव या कस्बे में कुछ सकारात्मक करना चाहते हैं, तो CSC आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।