Guru Gochar 2025: देवगुरु बृहस्पति साल 2032 तक रहेंगे अतिचारी, जानें राशियों पर प्रभाव

वर्ष 2025 में देवगुरु बृहस्पति की अतिचारी गति साल 2032 तक बनी रहेगी। जानें इस दुर्लभ गोचर का 12 राशियों पर क्या असर होगा, और कौन-कौन से उपाय आपके लिए लाभदायक होंगे।

Guru Gochar 2025: देवगुरु बृहस्पति साल 2032 तक रहेंगे अतिचारी, जानें राशियों पर प्रभाव

 

Guru Gochar 2025: देवगुरु बृहस्पति साल 2032 तक रहेंगे अतिचारी, जानें राशियों पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों का गोचर (Transit) व्यक्ति के जीवन में विशेष प्रभाव डालता है। इन ग्रहों में सबसे शुभ माने जाने वाले देवगुरु बृहस्पति (Jupiter) जब अपनी सामान्य गति से हटकर अतिचारी गति (Accelerated or Irregular motion) में आते हैं, तो इसका प्रभाव और भी अधिक व्यापक और गहरा हो जाता है। वर्ष 2025 में गुरु का गोचर एक विशेष खगोलीय घटना के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि बृहस्पति की अतिचारी स्थिति साल 2032 तक बनी रहेगी

इस लेख में हम जानेंगे कि गुरु की यह विशेष स्थिति क्या है, इसका क्या ज्योतिषीय महत्व है, और यह सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव डालेगी।


गुरु की अतिचारी गति क्या होती है?

देवगुरु बृहस्पति सामान्य रूप से एक राशि में लगभग 13 महीने तक रहते हैं। लेकिन जब वे अतिचारी अवस्था में आते हैं, तो उनकी गति असामान्य रूप से तेज हो जाती है, जिससे वे कुछ ही महीनों में एक से अधिक राशियों में प्रवेश करते हैं। यह स्थिति कभी-कभी वक्री (Retrograde) और मार्गी (Direct) गति के बीच भी देखी जाती है।

2025 से लेकर 2032 तक की अवधि में बृहस्पति कुछ समय के लिए तेजी से राशि परिवर्तन करेंगे, जिससे कई राशियों की स्थिति में अचानक परिवर्तन, उतार-चढ़ाव और अद्भुत योग बनने की संभावना रहेगी।


गुरु गोचर 2025 की तिथि और खगोलीय स्थिति

  • 1 मई 2025: गुरु का वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर
  • 7 अगस्त 2025: वक्री होकर पुनः वृषभ में प्रवेश
  • 5 दिसंबर 2025: मार्गी होकर फिर मिथुन में गोचर

यह गति चक्र आने वाले वर्षों में और भी जटिल होगा, जिससे ज्योतिषीय दृष्टि से कई विशेष घटनाएँ बनेंगी।


गुरु गोचर 2025 का सामूहिक प्रभाव

गुरु ज्ञान, धर्म, संतान, भाग्य, विवाह, शिक्षा और विस्तार के कारक माने जाते हैं। अतिचारी गति में यह प्रभाव:

  • तेजी से जीवन में परिवर्तन लाएंगे
  • भाग्य अचानक करवट ले सकता है
  • शिक्षा, करियर, विवाह व संतान से जुड़ी घटनाएँ घटित हो सकती हैं
  • कुछ के लिए यह शुभकारी होगा, तो कुछ के लिए सतर्कता की आवश्यकता

अब जानते हैं राशिवार प्रभाव:


मेष राशि (Aries)

बृहस्पति तीसरे और फिर चौथे भाव में भ्रमण करेंगे। यह समय:

  • साहस में वृद्धि करेगा
  • छोटे भाई-बहनों के साथ संबंध सुधरेंगे
  • वाहन व संपत्ति संबंधी निर्णय लाभकारी हो सकते हैं
  • माता का स्वास्थ्य ध्यान देने योग्य

उपाय: हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।


वृषभ राशि (Taurus)

गुरु दूसरे और फिर तीसरे भाव में भ्रमण करेंगे।

  • वाणी में मिठास आएगी
  • पारिवारिक धन-संपत्ति में वृद्धि संभव
  • मित्रों व भाई-बहनों से सहयोग मिलेगा
  • सतर्क रहें: निवेश में जल्दबाजी न करें

उपाय: विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।


मिथुन राशि (Gemini)

बृहस्पति पहले और फिर दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे।

  • व्यक्तित्व में निखार आएगा
  • आत्मविश्वास बढ़ेगा
  • करियर में नई दिशा मिलेगी
  • आर्थिक स्थिति मजबूत होगी

उपाय: केले के वृक्ष की पूजा करें।


कर्क राशि (Cancer)

गुरु 12वें और फिर पहले भाव में भ्रमण करेंगे।

  • विदेश यात्रा या स्थान परिवर्तन के योग
  • स्वास्थ्य पर ध्यान दें
  • खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है
  • आत्मिक उन्नति का समय

उपाय: पीली वस्तुओं का दान करें।


सिंह राशि (Leo)

गुरु 11वें और फिर 12वें भाव में गोचर करेंगे।

  • लाभ के अवसर बढ़ेंगे
  • मित्रों से सहयोग मिलेगा
  • बड़े सपने साकार हो सकते हैं
  • खर्चों पर नियंत्रण रखें

उपाय: गुरुवार को चने की दाल का दान करें।


कन्या राशि (Virgo)

गुरु 10वें और फिर 11वें भाव में प्रवेश करेंगे।

  • करियर में उन्नति, प्रमोशन या नई नौकरी संभव
  • वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा
  • आय के नए स्रोत खुलेंगे
  • जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ सकता है

उपाय: गुरु ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें – "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः"


तुला राशि (Libra)

गुरु 9वें और फिर 10वें भाव में गोचर करेंगे।

  • भाग्य का साथ मिलेगा
  • उच्च शिक्षा, धर्म, यात्रा का योग
  • कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव
  • पितृ संबंधी कार्यों में व्यस्तता

उपाय: पीले फूलों को जल में प्रवाहित करें।


वृश्चिक राशि (Scorpio)

गुरु 8वें और फिर 9वें भाव में भ्रमण करेंगे।

  • गूढ़ ज्ञान और रिसर्च में रुचि
  • अचानक लाभ की संभावना
  • भाग्य साथ देगा, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखें
  • पारिवारिक मामलों में गहराई से सोचें

उपाय: पीपल के वृक्ष की पूजा करें।


धनु राशि (Sagittarius)

गुरु 7वें और फिर 8वें भाव में गोचर करेंगे।

  • विवाह के योग बन सकते हैं
  • दांपत्य जीवन में उतार-चढ़ाव
  • पार्टनरशिप में लाभ संभव
  • गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें

उपाय: हल्दी की गांठ घर में रखें।


मकर राशि (Capricorn)

गुरु 6वें और फिर 7वें भाव में गोचर करेंगे।

  • स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता जरूरी
  • कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत संभव
  • जीवनसाथी से लाभ
  • कार्यक्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी

उपाय: गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें।


कुंभ राशि (Aquarius)

गुरु 5वें और फिर 6वें भाव में गोचर करेंगे।

  • संतान पक्ष से शुभ समाचार
  • प्रेम संबंधों में सुधार
  • शिक्षा में सफलता
  • स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर रह सकता है

उपाय: केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं।


मीन राशि (Pisces)

गुरु 4वें और फिर 5वें भाव में प्रवेश करेंगे।

  • पारिवारिक सुख में वृद्धि
  • संपत्ति, वाहन योग बन सकते हैं
  • मानसिक शांति में सुधार
  • संतान या शिक्षा से जुड़े निर्णय सफल होंगे

उपाय: विष्णु मंदिर में घी का दीपक जलाएं।


विशेष योग: बृहस्पति की अतिचारी स्थिति का रहस्य

इस समय गुरु की अतिचारी गति के कारण कुछ विशेष राजयोग और दुर्लभ संयोग बन सकते हैं:

  • धन प्राप्ति योग
  • विदेश यात्रा योग
  • भाग्योदय का संयोग
  • संतान सुख में वृद्धि

लेकिन इसके साथ ही यह भी देखा गया है कि अतिचारी गुरु कभी-कभी भ्रमित भी कर सकते हैं, जिससे निर्णय लेने में कठिनाई होती है।


वर्ष 2025 से लेकर 2032 तक देवगुरु बृहस्पति की अतिचारी गति एक विशेष खगोलीय और ज्योतिषीय घटना है। यह सभी राशियों के जीवन में छोटे-बड़े बदलाव लेकर आएगी। कुछ के लिए यह समय सुनहरे अवसरों का द्वार खोलने वाला साबित होगा, वहीं कुछ को सतर्कता व आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होगी।

ज्योतिषीय उपायों, सकारात्मक सोच और आत्मिक साधना के साथ इस गोचर का प्रभाव संतुलित किया जा सकता है।