बगलामुखी जयंती पर चंद्रमा करेंगे राशि और नक्षत्र परिवर्तन, इन राशियों की पलटेगी किस्मत

5 मई 2025 को बगलामुखी जयंती और चंद्र गोचर का महासंयोग बन रहा है। जानें किन राशियों की बदलेगी किस्मत और क्या करें देवी की कृपा पाने के उपाय।

बगलामुखी जयंती पर चंद्रमा करेंगे राशि और नक्षत्र परिवर्तन, इन राशियों की पलटेगी किस्मत

बगलामुखी जयंती इस वर्ष 5 मई 2025, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन वैशाख शुक्ल अष्टमी है, जो देवी बगलामुखी के अवतरण का विशेष पर्व माना जाता है। साथ ही इसी दिन चंद्रमा राशि और नक्षत्र बदलने जा रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ज्योतिष के अनुसार, इस दिन चंद्रमा मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा और पुनर्वसु नक्षत्र से पुष्य नक्षत्र में संक्रांति करेगा। यह परिवर्तन कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभफलदायी साबित हो सकता है।


 इन राशियों को होगा विशेष लाभ

 मेष राशि:

  • चंद्र गोचर आपके सातवें भाव में होगा।
  • व्यापार और दांपत्य जीवन में संतुलन आएगा।
  • बगलामुखी मंत्र का जाप करें – "ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः"

 सिंह राशि:

  • चंद्रमा दूसरे भाव में गोचर करेगा।
  • पारिवारिक मामलों में सुधार, धन वृद्धि के योग।
  • देवी को पीले वस्त्र और बेसन के लड्डू अर्पित करें।

 मकर राशि:

  • नवम भाव में चंद्रमा की स्थिति भाग्य का साथ दिलाएगी।
  • धार्मिक यात्रा, मानसिक शांति और सम्मान मिलेगा।
  • पीले वस्त्र पहनें और व्रत रखें।

 अन्य राशियों पर प्रभाव

 कर्क राशि:

  • स्वयं की राशि में चंद्रमा प्रवेश करेगा।
  • भावनात्मक मजबूती और परिवार में सुखद माहौल।
  • मानसिक तनाव कम होगा।

 मीन राशि:

  • पंचम भाव में चंद्र गोचर संतान सुख और शिक्षा के लिए उत्तम।
  • बगलामुखी देवी को हल्दी से तिलक करें।

 देवी बगलामुखी की पूजा विधि

1.    स्नान और पीले वस्त्र धारण करें।

2.    पूजा स्थान पर देवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

3.    हल्दी, पीले फूल, बेसन के लड्डू और चने की दाल चढ़ाएं।

4.    "ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

5.    हवन करें – हल्दी मिलाए हुए घी से।

6.    अंत में आरती करें और संकल्प लें।


 बगलामुखी पूजा के लाभ

  • शत्रुओं पर विजय
  • वाणी में प्रभाव
  • मानसिक मजबूती
  • कोर्ट केस में सफलता
  • व्यापारिक बाधाओं का नाश

 शुभ मुहूर्त (5 मई 2025 के लिए)

  • पूजा का शुभ समय: सुबह 6:11 से दोपहर 1:34 तक
  • चंद्रमा गोचर: सुबह 11:45 बजे मिथुन से कर्क में प्रवेश
  • नक्षत्र परिवर्तन: पुनर्वसु से पुष्य – दोपहर 12:20 बजे

 बगलामुखी मंत्र और स्तोत्र

बीज मंत्र:

"ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः"

कवच पाठ (संक्षेप में):

"ॐ ऐं ह्लीं श्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय…"

इन मंत्रों का जप मानसिक शांति और सुरक्षा के लिए अत्यंत लाभकारी है।


 उपाय जो जरूर करें

  • हल्दी की माला से जाप करें
  • पीले फल दान करें (जैसे केला, आम)
  • गरीब कन्याओं को पीले वस्त्र भेंट करें
  • सरसों का तेल दीपक में जलाएं
  • घर के मुख्य दरवाज़े पर हल्दी और चंदन से स्वस्तिक बनाएं

बगलामुखी जयंती और चंद्र गोचर का ये अद्भुत संयोग आपके जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाने का अवसर है। विशेष रूप से मेष, सिंह और मकर राशि वालों को इसका विशेष लाभ मिलने की संभावना है। देवी बगलामुखी की पूजा से शत्रु बाधा दूर होती है और मनोबल में वृद्धि होती है।

 Disclaimer (हिंदी में):

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।