बढ़ते हार्ट अटैक के पीछे कहीं खाने का तेल तो नहीं है जिम्मेदार? जानें सबसे खतरनाक तेल कौन-सा है

भारत में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों के पीछे रिफाइंड तेल जिम्मेदार हो सकता है। जानिए कौन-सा तेल दिल के लिए सबसे नुकसानदायक है और क्या है सेहतमंद विकल्प।

बढ़ते हार्ट अटैक के पीछे कहीं खाने का तेल तो नहीं है जिम्मेदार? जानें सबसे खतरनाक तेल कौन-सा है

 

बढ़ते हार्ट अटैक के पीछे कहीं खाने का तेल तो नहीं है जिम्मेदार? इस तेल को पाया गया सबसे नुकसानदायक

आजकल हार्ट अटैक की खबरें इतनी आम हो गई हैं कि हर उम्र का इंसान इस खतरे को महसूस करने लगा है। जहां पहले यह बीमारी बुज़ुर्गों तक सीमित थी, अब 30-40 की उम्र के लोग भी दिल की गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इस स्थिति ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है — क्या हमारी रोज़मर्रा की डाइट में छुपा कोई ‘साइलेंट किलर’ जिम्मेदार हो सकता है?

इस सवाल के जवाब में एक अहम चीज़ सामने आई है — खाने का तेल। जी हां, जिस तेल का हम रोज़ इस्तेमाल करते हैं, वो ही हमारी धमनियों में जहर बनकर दौड़ रहा हो तो?


क्या सच में तेल है जिम्मेदार?

खाने का तेल हमारी डाइट का एक अहम हिस्सा होता है। लेकिन हर तेल सेहत के लिए एक जैसा नहीं होता। कुछ तेल ऐसे होते हैं जो शरीर को लाभ पहुंचाते हैं, वहीं कुछ ऐसे होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ा सकते हैं

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह साफ़ हुआ है कि ट्रांस फैट और हाई ओमेगा-6 फैटी एसिड वाले तेल दिल की सेहत के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक हैं।


सबसे नुकसानदायक तेल कौन-सा है?

रिफाइंड तेल (Refined Oil)

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सबसे ज्यादा चेतावनी रिफाइंड तेल को लेकर दी है। रिफाइंड तेल को अधिक प्रोसेसिंग और केमिकल ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ता है, जिससे उसमें पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और उसमें मौजूद ट्रांस फैट और ऑक्सीडेटिव तत्व धमनियों में सूजन और रुकावट का कारण बनते हैं।

ये रिफाइंड तेल सबसे अधिक खतरनाक माने जाते हैं:

  • सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil)
  • सोया तेल (Soybean Oil)
  • कॉर्न ऑयल (Corn Oil)
  • कैनोला ऑयल (Canola Oil)

इनमें अत्यधिक मात्रा में ओमेगा-6 फैटी एसिड पाया जाता है, जो जब शरीर में असंतुलित हो जाता है, तो सूजन, ब्लड क्लॉट्स और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ा देता है।


ट्रांस फैट: दिल का दुश्मन

ट्रांस फैट्स ऐसे वसा हैं जो तेल को लंबे समय तक खराब होने से बचाते हैं, लेकिन यह शरीर में एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाते हैं और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को घटाते हैं। यही संतुलन बिगड़ने पर धमनियों में ब्लॉकेज और अचानक हार्ट फेल जैसी घटनाएं होती हैं।

रिफाइंड तेल में यह ट्रांस फैट्स ज़्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं, खासकर जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है, जैसे कि रेस्टोरेंट्स और स्ट्रीट फूड में होता है।


भारत में बढ़ते हार्ट अटैक के आंकड़े

  • WHO की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 28% मौतें हृदय रोगों से होती हैं
  • 25 से 45 की उम्र के पुरुष और महिलाएं अब हार्ट अटैक के मुख्य शिकार हो रहे हैं।
  • खानपान, विशेष रूप से तेल का प्रकार और मात्रा, इन मामलों में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

तो कौन-से तेल हैं सुरक्षित?

अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए तेलों का उपयोग करें:

1. सरसों का तेल (Mustard Oil)

  • लो सैचुरेटेड फैट
  • ओमेगा-3 और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
  • भारतीय भोजन के लिए आदर्श

2. गुड़/कोल्ड-प्रेस्ड तेल (Cold-Pressed Oils)

  • कम प्रोसेसिंग, अधिक पोषण
  • नारियल तेल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल

3. घी (Desi Ghee)

  • सीमित मात्रा में उपयोग करें
  • हेल्दी फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर

क्या करना चाहिए?

  • रिफाइंड तेल का उपयोग बंद करें या सीमित करें
  • घर में कोल्ड-प्रेस्ड या फिल्टर्ड तेलों का ही प्रयोग करें
  • तेल को बार-बार गर्म करने से बचें
  • हफ्ते में 1-2 बार ऑइल-फ्री खाना ज़रूर शामिल करें
  • एक्सरसाइज, नियमित जांच और हेल्दी डाइट से दिल को सुरक्षित रखें

निष्कर्ष

तेल का चुनाव कोई साधारण निर्णय नहीं है — यह हमारे दिल की सेहत से सीधे जुड़ा हुआ है। कई बार हम स्वाद, ब्रांड या विज्ञापन देखकर तेल का चुनाव कर लेते हैं, लेकिन यह जानना ज़रूरी है कि कौन-सा तेल हमें अंदर से बीमार बना रहा है।

रिफाइंड तेल को अपने किचन से निकालना अब एक विकल्प नहीं, जरूरत बन चुकी है।
आज जो कदम आप उठाएंगे, वही आपके दिल की धड़कनें कल तक सुरक्षित रखेंगे।