Shani Dev Ki Priya Rashi: शनिदेव की कृपा से बदलता है भाग्य, मिलता है धन और यश

जानिए किन राशियों पर होती है शनिदेव की विशेष कृपा और कैसे बदलता है उनका भाग्य। अपार धन, यश और सफलता पाने वाली राशियाँ कौन सी हैं, पढ़ें पूरा लेख।

Shani Dev Ki Priya Rashi: शनिदेव की कृपा से बदलता है भाग्य, मिलता है धन और यश

 

Shani Dev Ki Priya Rashi: शनिदेव की विशेष कृपा से इन राशियों का भाग्य बदलता है, मिलता है अपार धन और प्रतिष्ठा

हिंदू धर्म में शनि देव को कर्म और न्याय का देवता माना गया है। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि की कृपा जिस पर होती है, वह व्यक्ति रंक से राजा बन सकता है, और जिनसे वे रुष्ट हो जाएं, उनका जीवन संघर्षों से भर जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ राशियाँ ऐसी भी हैं, जिन्हें स्वभावतः शनिदेव का विशेष स्नेह प्राप्त होता है? ये राशियाँ शनिदेव की प्रिय मानी जाती हैं, और इन पर शनिदेव की दृष्टि शुभ फल देती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि कौन-कौन सी राशियाँ शनि देव की प्रिय राशियाँ मानी जाती हैं, और शनि की कृपा से उनके जीवन में क्या-क्या सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। साथ ही हम यह भी समझेंगे कि शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए।


शनि देव का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव नवग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। वे एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं और एक चक्र को पूरा करने में लगभग 30 वर्ष लेते हैं। शनि को:

  • कर्म का कारक,
  • न्याय का देवता,
  • अनुशासन और कठोर परिश्रम का प्रतीक माना गया है।

शनि व्यक्ति की कुंडली में जब शुभ स्थिति में होते हैं, तो अपार धन, यश, और सफलता प्रदान करते हैं। परंतु यदि शनि अशुभ भाव में हो, या किसी पाप ग्रह से ग्रसित हो, तो व्यक्ति को संघर्ष, रुकावटें और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है।


शनि देव किन राशियों को मानते हैं प्रिय?

अब सवाल उठता है कि शनि की प्रिय राशियाँ कौन-सी हैं? इसके लिए ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कुछ राशियाँ हैं, जिन पर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है। ये राशियाँ अपने स्वभाव, धैर्य और कर्मशीलता के कारण शनि की पसंद बनती हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से:


1. मकर राशि (Capricorn) – शनि की अपनी राशि

मकर राशि स्वयं शनि की स्वामित्व राशि है। इस राशि पर शनि का पूरा अधिकार होता है।

लाभ:

  • मकर राशि के जातक स्वभाव से गंभीर, अनुशासित और कर्मठ होते हैं।
  • इन्हें जीवन में धीरे-धीरे लेकिन स्थायी सफलता प्राप्त होती है।
  • धन, जमीन-जायदाद और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  • कार्यक्षेत्र में स्थिरता और पदोन्नति के विशेष योग बनते हैं।

शनि की कृपा से मकर राशि वाले अक्सर उच्च पदों पर पहुंचते हैं।


2. कुंभ राशि (Aquarius) – शनि की दूसरी राशि

कुंभ भी शनि की स्व राशि है। यह राशि नवाचार, बुद्धिमत्ता और समाज सेवा की प्रतीक मानी जाती है।

लाभ:

  • कुंभ राशि के जातक विचारशील, दूरदर्शी और बुद्धिजीवी होते हैं।
  • शनिदेव की कृपा से इन्हें सरकारी सेवा, तकनीकी क्षेत्र या अनुसंधान में सफलता मिलती है।
  • इन्हें समाज में उच्च सम्मान और स्थायित्व प्राप्त होता है।
  • विदेश यात्रा और विदेशी संबंधों से लाभ के योग बनते हैं।

कुंभ राशि वालों के लिए शनि एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं।


3. तुला राशि (Libra) – शनि की उच्च राशि

शनि तुला राशि में उच्च के माने जाते हैं। तुला संतुलन, न्याय और कला की प्रतीक है।

लाभ:

  • तुला राशि के जातक न्यायप्रिय, सुसंस्कृत और संतुलित होते हैं।
  • शनिदेव इस राशि में अत्यंत प्रभावशाली होते हैं और जातक को उच्च कोटि का विचारक बनाते हैं।
  • व्यापार और सौंदर्य से संबंधित कार्यों में इन्हें विशेष सफलता मिलती है।
  • शनि की कृपा से तुला राशि के जातक जीवन में स्थायित्व और वैभव प्राप्त करते हैं।

4. वृषभ राशि (Taurus) – शनि की मैत्री राशि

वृषभ शनि की मित्र राशि है और शनि यहां अनुकूल फल देते हैं।

लाभ:

  • वृषभ राशि के जातक भौतिक सुखों और आर्थिक समृद्धि की ओर आकर्षित होते हैं।
  • शनि की कृपा से इन्हें धन, वाहन, और भूमि-संपत्ति के सुख प्राप्त होते हैं।
  • नौकरी या व्यापार में स्थिरता और नियमित लाभ मिलता है।

इन जातकों के लिए शनि दीर्घकालिक योजनाओं में सफलता देते हैं।


शनिदेव की कृपा से मिलने वाले वरदान

शनि की विशेष कृपा जिन जातकों पर होती है, उन्हें निम्नलिखित प्रकार के फल प्राप्त होते हैं:

1.    आर्थिक उन्नतिव्यवसाय या नौकरी में निरंतर प्रगति और स्थायित्व।

2.    मान-सम्मान में वृद्धिसमाज में प्रतिष्ठा और सम्मान का विस्तार।

3.    न्यायप्रियता और बुद्धिमत्तासही निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व कौशल।

4.    धैर्य और अनुशासनजीवन में व्यवस्थितता और आत्म-नियंत्रण का विकास।

5.    जीवन की दिशा में स्थायित्वअनिश्चितताओं का अंत और दिशा प्राप्ति।


शनिदेव की कृपा कैसे प्राप्त करें?

अगर आपकी राशि शनि की प्रिय राशियों में से नहीं भी है, फिर भी आप कुछ उपायों को अपनाकर शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं:

शुभ उपाय:

1.    शनिवार का व्रत रखें और काले तिल या काले वस्त्र का दान करें।

2.    शनिदेव के मंत्र का जप करें:
ॐ शं शनैश्चराय नमः”इसका रोज़ 108 बार जाप करें।

3.    शिवलिंग पर जल अर्पित करें, क्योंकि शनि शिवभक्त हैं।

4.    पीपल के वृक्ष की पूजा करें और जल चढ़ाएं (शनिवार को विशेष रूप से)।

5.    गरीबों और श्रमिकों की सेवा करें, क्योंकि शनि दीन-दुखियों के रक्षक माने जाते हैं।

6.    नीलम रत्न धारण करें (ज्योतिषी से सलाह लेकर ही)।


शनि की दशा और साढ़ेसाती का असर

शनि की दशा या साढ़ेसाती जब किसी जातक पर आती है, तो यह काल तीन चरणों में होता है – हर चरण ढाई वर्ष का। यद्यपि इसे लोग डरावना मानते हैं, पर यदि व्यक्ति नियमित, संयमी और कर्मनिष्ठ हो, तो यह काल सफलता की सीढ़ी भी बन सकता है।

शनि की साढ़ेसाती जिन राशियों पर होती है, वहां जीवन में बड़ा परिवर्तन आता है – चाहे वो मानसिक हो, आर्थिक हो या आध्यात्मिक। इसलिए जरूरी है कि इस समय धैर्य और सकारात्मकता बनाए रखें।


शनि देव की कृपा मिलना किसी वरदान से कम नहीं होता। उनकी प्रिय राशियाँ – मकर, कुंभ, तुला और वृषभ स्वाभाविक रूप से उनके सकारात्मक प्रभाव का अनुभव करती हैं। लेकिन कर्म प्रधान जीवन, संयम और भक्ति से अन्य जातक भी शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

शनि जीवन में अनुशासन, न्याय और कर्म का संदेश देते हैं। अगर आप इन सिद्धांतों को अपनाते हैं, तो शनि देव स्वयं आपकी रक्षा करते हैं और आपको अपार सफलता और सम्मान प्रदान करते हैं।