क्या आप भी खाते हैं बर्फ? ये आदत शरीर में आयरन की कमी का संकेत – डॉक्टर से जानिए बचाव के उपाय
क्या आपको भी बर्फ चबाने की आदत है? जानिए यह आदत शरीर में आयरन की कमी का संकेत कैसे हो सकती है, इसके कारण, नुकसान और इससे बचाव के उपाय – डॉक्टरों की सलाह के साथ।

क्या आपको भी बर्फ चबाने की आदत है? क्या आप अक्सर फ्रीज से बर्फ निकालकर उसे चूसते या चबाते हैं? अगर हाँ, तो यह केवल एक आदत नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, बर्फ खाने की यह आदत शरीर में आयरन की कमी (Iron Deficiency) की ओर इशारा करती है, जिसे Pica या Pagophagia कहा जाता है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि बर्फ खाने की यह आदत क्यों होती है, इसके पीछे की मेडिकल वजहें क्या हैं, और इससे कैसे बचा जा सकता है।
1. बर्फ खाने की आदत क्या है?
बर्फ को चबाना या बार-बार खाना एक सामान्य आदत की तरह दिख सकता है, लेकिन यह एक मनोवैज्ञानिक और पोषण संबंधी विकार का लक्षण भी हो सकता है। इस आदत को Pagophagia कहा जाता है, जो एक प्रकार की Pica Disorder है।
Pica वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति खाने योग्य नहीं मानी जाने वाली चीजों (जैसे मिट्टी, कागज़, बाल, बर्फ आदि) को खाने की इच्छा रखता है।
2. बर्फ क्यों खाते हैं लोग?
आयरन की कमी (Iron Deficiency Anemia)
डॉक्टरों का मानना है कि बर्फ चबाने की यह प्रवृत्ति Iron Deficiency Anemia की वजह से होती है। आयरन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन का संचार घट जाता है, जिससे थकान, चक्कर, और ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है। शोध के अनुसार, बर्फ चबाना अस्थायी रूप से मानसिक सतर्कता बढ़ाने में मदद कर सकता है।
तनाव और चिंता
कुछ लोग मानसिक तनाव, चिंता या बोरियत की स्थिति में भी बर्फ चबाने लगते हैं। उन्हें यह आदत सुखद और शांत करने वाली लगती है।
डिहाइड्रेशन की आशंका
गर्मी या शरीर में पानी की कमी भी कभी-कभी लोगों को बर्फ खाने की ओर आकर्षित करती है।
3. बर्फ खाने की आदत के नुकसान
बर्फ चबाना अगर कभी-कभार हो तो हानिकारक नहीं होता, लेकिन यदि यह आदत बन जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य संकेत हो सकता है।
प्रमुख नुकसान:
- दांतों का क्षय: बर्फ चबाने से दांतों की ऊपरी परत (Enamel) टूट सकती है।
- दांतों में झनझनाहट: बर्फ की ठंडक दांतों की नसों पर असर डालती है।
- पाचन समस्या: लगातार बर्फ चबाने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है।
- Iron Deficiency Anemia: अगर यह आदत लगातार बनी रहे, तो यह स्पष्ट संकेत है कि शरीर में आयरन की भारी कमी है।
4. बर्फ खाने की लत को कैसे पहचानें?
अगर आप या आपके जानने वाले व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो बर्फ खाने की आदत गंभीर हो सकती है:
- दिन में बार-बार बर्फ चबाने की तीव्र इच्छा
- बर्फ खाने से मानसिक राहत महसूस होना
- जब बर्फ न मिले तो बेचैनी या चिड़चिड़ापन
- खाना खाने से ज्यादा बर्फ खाने की ललक
5. डॉक्टर क्या कहते हैं?
डॉक्टरों के अनुसार, बर्फ खाने की आदत को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। यह सीधे शरीर की Micronutrient Deficiency, विशेष रूप से आयरन की कमी का संकेत है।
जाँच और परीक्षण:
- Complete Blood Count (CBC) Test
- Serum Ferritin Test
- Iron Studies
इन परीक्षणों से शरीर में आयरन की स्थिति का पता चलता है।
6. आयरन की कमी के अन्य लक्षण
- त्वचा का पीला या फीका रंग
- थकान और कमजोरी
- बाल झड़ना
- चक्कर आना
- सांस फूलना
- ध्यान न लगना
अगर इन लक्षणों के साथ बर्फ खाने की आदत है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
7. बर्फ खाने की आदत से कैसे बचें?
(A) आयरन युक्त आहार लें:
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ – पालक, मेथी, सरसों
- सूखे मेवे – किशमिश, अंजीर, खजूर
- अंकुरित अनाज – मूंग, चना
- गुड़ और चना – आयरन के अच्छे स्रोत
- लाल मांस और अंडा – नॉनवेज स्रोत
- विटामिन C युक्त चीजें – नींबू, आंवला (आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं)
(B) आयरन सप्लीमेंट्स:
डॉक्टर की सलाह से आयरन की गोली या सिरप लें। कभी भी खुद से दवा न लें।
(C) मानसिक स्वास्थ्य की जाँच:
अगर आदत मानसिक तनाव या चिंता की वजह से है, तो मनोवैज्ञानिक सलाह जरूर लें।
(D) आदत बदलने की कोशिश:
- जब भी बर्फ खाने का मन करे, उसका विकल्प रखें जैसे – ठंडा पानी, फल, च्विंगम।
- खुद को व्यस्त रखें।
- आदत पर नज़र रखने के लिए डायरी रखें।
8. बच्चों में बर्फ खाने की आदत
बच्चों में भी यह आदत देखने को मिलती है, जो कई बार Pica Disorder का हिस्सा होती है। यदि बच्चा बर्फ, मिट्टी, कागज़ या अन्य अजीब चीजें खा रहा हो, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
बर्फ खाना एक सामान्य सी लगने वाली आदत है, लेकिन यह शरीर में आयरन की कमी का स्पष्ट संकेत हो सकता है। इसे नज़रअंदाज़ करना गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकता है। अगर आप या आपके आसपास कोई लगातार बर्फ खा रहा है, तो यह समय है कि आप उसे डॉक्टर के पास ले जाएं और उसकी स्वास्थ्य स्थिति की जाँच कराएं।
स्वस्थ रहें, सजग रहें और अपने शरीर के संकेतों को समझें।