Cash Deposit Rules: अपने बैंक खाते में कितना रखा जा सकता है कैश, क्या कहता है RBI का नियम?

अपने बैंक खाते में कितना कैश जमा कर सकते हैं? जानिए RBI और आयकर विभाग के नियम, पैन कार्ड की अनिवार्यता और रिपोर्टिंग लिमिट की पूरी जानकारी।

Cash Deposit Rules: अपने बैंक खाते में कितना रखा जा सकता है कैश, क्या कहता है RBI का नियम?

 

Cash Deposit Rules: अपने बैंक खाते में कितना रखा जा सकता है कैश, क्या कहता है RBI का नियम?

बैंक में पैसे जमा करना हम सभी की रोजमर्रा की जरूरत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके खाते में नकद (Cash) जमा करने की भी एक सीमा होती है? और इस पर अगर आप नियमों का पालन नहीं करते, तो आयकर विभाग (Income Tax Department) की नजर आप पर पड़ सकती है।

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि अपने बैंक खाते में कितना कैश रखना या जमा करना सुरक्षित है, और RBI के नियम क्या कहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है।


क्यों जरूरी है कैश डिपॉजिट लिमिट को जानना?

आजकल सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) दोनों ही डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में अगर आप ज्यादा नकद जमा करते हैं, तो आपकी लेन-देन की जानकारी सीधे आयकर विभाग और दूसरी एजेंसियों तक पहुँच सकती है।

नकद लेन-देन के मामलों में सबसे ज्यादा जांच बेनामी लेनदेन, टैक्स चोरी, और काले धन के रूप में होती है।


RBI का नियम क्या कहता है?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सीधे तौर पर नकद रखने या जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं तय की है, लेकिन कुछ खास स्थितियों और राशियों के लिए बैंकों और खाताधारकों को रिपोर्टिंग और सत्यापन के नियमों का पालन करना होता है।

इसके तहत:

  • RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे बड़ी राशि के नकद लेन-देन की रिपोर्ट FIU-IND (Financial Intelligence Unit – India) को भेजें।
  • यदि कैश डिपॉजिट की राशि संदिग्ध लगती है, तो बैंक उस पर निगरानी रखते हैं।

कितनी नकद राशि खाते में जमा करने पर आयकर विभाग की नजर पड़ती है?

1. सेविंग अकाउंट (Saving Account):

यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद अपने सेविंग अकाउंट में जमा करते हैं, तो बैंक इस लेन-देन की जानकारी आयकर विभाग को भेजता है।

 नियम: ₹10,00,000 से अधिक कैश डिपॉजिट की निगरानी होती है।


2. करंट अकाउंट (Current Account):

करंट अकाउंट के लिए यह सीमा थोड़ी अधिक है। यदि आप 1 वित्तीय वर्ष में ₹50 लाख से अधिक की नकद जमा करते हैं, तो यह रिपोर्ट की जाती है।

 नियम: ₹50,00,000 से ऊपर नकद लेन-देन करने पर रिपोर्टिंग अनिवार्य।


3. FD में कैश जमा:

अगर आप ₹10 लाख या उससे अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) नकद में करते हैं, तो यह भी आयकर विभाग की नजर में आता है।


पैन कार्ड की अनिवार्यता

अगर आप ₹50,000 या उससे अधिक की नकद जमा कर रहे हैं, तो PAN कार्ड देना अनिवार्य है। चाहे वह एकमुश्त जमा हो या एक दिन में कुल मिलाकर ₹50,000

 कहां-कहां PAN जरूरी है:

  • ₹50,000 या उससे ज्यादा कैश डिपॉजिट
  • ₹10 लाख या उससे ज्यादा सालाना जमा (कुल मिलाकर)
  • FD में ₹50,000 से ज्यादा नकद निवेश

कैश ट्रांजैक्शन लिमिट: आयकर अधिनियम के अनुसार

आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत:

  • कोई भी व्यक्ति एक दिन में एक ही व्यक्ति से ₹2 लाख से अधिक नकद नहीं ले सकता
  • इससे अधिक राशि नकद में लेने पर ₹2 लाख या जितनी राशि ली गई है उतना जुर्माना लग सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण नियम:

विषय

सीमा

निगरानी करने वाली एजेंसी

सेविंग अकाउंट में कैश जमा

₹10 लाख/वर्ष

आयकर विभाग

करंट अकाउंट में कैश जमा

₹50 लाख/वर्ष

आयकर विभाग

एक दिन में नकद लेन-देन

₹2 लाख

धारा 269ST

FD में नकद

₹10 लाख+

बैंक और आयकर विभाग

₹50,000+ जमा

PAN अनिवार्य

बैंक रिपोर्ट करता है


क्या होता है अगर लिमिट से ज्यादा जमा करें?

यदि आप तय सीमा से ज्यादा कैश जमा करते हैं:

  • बैंक तुरंत आपकी ट्रांजैक्शन को फ्लैग कर सकता है।
  • यह सूचना Income Tax विभाग को भेजी जाती है।
  • आपको नोटिस मिल सकता है और स्रोत बताने के लिए कहा जा सकता है।
  • अगर आप कैश का स्रोत नहीं बता सके, तो जुर्माना या टैक्स लगाया जा सकता है।

कैसे रखें अपने डिपॉजिट को सुरक्षित?

  • हमेशा डिजिटल मोड से अधिकतम ट्रांजैक्शन करें।
  • नकद लेन-देन करते समय प्राप्ति रसीद (Receipt) अवश्य लें।
  • कैश जमा करते समय PAN जरूर दें
  • कैश के स्रोत की जानकारी रखें — जैसे कि बिक्री रसीद, इनवॉइस, आदि।

निष्कर्ष:

बैंक में कैश रखना या जमा करना पूरी तरह से अवैध नहीं है, लेकिन उसकी एक सीमा और ट्रांसपेरेंसी जरूरी है। यदि आप समय रहते नियमों को समझकर चलते हैं, तो न सिर्फ आप स्क्रूटनी से बच सकते हैं, बल्कि अपने पैसों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।