आज है दूसरा बड़ा मंगल: जानें पूजा विधि, भोग और मंत्र

20 मई 2025 को दूसरा बड़ा मंगल है। जानें इस दिन की पूजा विधि, भोग और मंत्रों की पूरी जानकारी।

आज है दूसरा बड़ा मंगल: जानें पूजा विधि, भोग और मंत्र

हर साल की तरह इस बार भी ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले बड़े मंगलों का शुभ संयोग बन रहा है। आज 20 मई 2025 को दूसरा बड़ा मंगल है, जो भगवान हनुमान जी की कृपा पाने का विशेष दिन माना जाता है। उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में यह दिन बड़े उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है।

हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है और ज्येष्ठ के मंगलवार उनके लिए अत्यंत प्रिय होते हैं। इन मंगलों पर विशेष पूजन, भोग अर्पण, हनुमान चालीसा का पाठ और दान-पुण्य से भक्तगण अपने जीवन के संकटों से मुक्ति की कामना करते हैं।


 बड़ा मंगल का महत्व

बड़ा मंगल’ शब्द का अर्थ है — ऐसा मंगलवार जो बहुत शुभ, प्रभावशाली और पुण्यदायक हो। खासकर ज्येष्ठ माह के मंगल, जब सूर्य अपने अधिकतम प्रभाव में होते हैं, तब हनुमान जी की उपासना जीवन में साहस, शक्ति, बुद्धि और सुरक्षा का संचार करती है।

मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था और इसी कारण यह दिन उनके पूजन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। त्रेता युग में इसी दिन हनुमान जी ने पहली बार भगवान राम से भेंट की थी, इसलिए भी यह दिन और अधिक पवित्र माना जाता है।


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सुबह की तैयारी:

  • प्रातःकाल स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • दीया जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।

पूजन सामग्री:

  • सिंदूर
  • चमेली का तेल
  • लाल फूल
  • तुलसी के पत्ते
  • गुड़-चने
  • पान

पूजन प्रक्रिया:

1.    ॐ हनुमते नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए हाथ जोड़ें।

2.    हनुमान चालीसा का पाठ करें।

3.    बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं।

4.    हनुमान जी को पान, बूंदी के लड्डू, और गुड़-चना का भोग अर्पित करें।

5.    आरती करें और सभी के लिए मंगल की प्रार्थना करें।


 भोग में क्या चढ़ाएं?

हनुमान जी को रिझाने के लिए भोग अर्पण बहुत आवश्यक होता है। बड़ा मंगल पर नीचे दी गई चीजें विशेष रूप से भोग में चढ़ाई जाती हैं:

  • बूंदी के लड्डू: लाल रंग की थाली में रखकर चढ़ाएं।
  • गुड़ और चने: इन्हें मिट्टी या कांसे की कटोरी में रखें।
  • पान: बिना चूने और कत्थे का पान हनुमान जी को प्रिय माना जाता है।
  • तुलसी दल: पवित्रता का प्रतीक और भोग को शुद्ध करने वाला।

भोग अर्पण के बाद प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में बांटना चाहिए और थोड़ा-सा प्रसाद किसी गाय या बंदर को भी दिया जा सकता है।


 मंत्र जाप

बड़ा मंगल के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायक माना गया है। नीचे दिए गए मंत्रों को कम से कम 108 बार जाप करने की परंपरा है:

मुख्य मंत्र:

1.    ॐ हनु हनुमते नमः

2.    ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रु विनाशाय स्वाहा॥

3.    ॐ अंजनीसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान: प्रचोदयात॥

इन मंत्रों से शत्रु बाधा, रोग दोष और मानसिक अवसाद से मुक्ति मिलती है।


 व्रत व नियम

  • व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • तामसिक भोजन, जैसे प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का त्याग करें।
  • मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहने का प्रयास करें।
  • किसी की निंदा या अपमान न करें।
  • यदि संभव हो तो लाल वस्त्र धारण करें।

 बड़ा मंगल पर दान का महत्व

धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि बड़ा मंगल के दिन किया गया दान सौ गुणा फलदायक होता है। इस दिन आप निम्नलिखित वस्तुओं का दान कर सकते हैं:

  • चने, गुड़, मसूर दाल
  • लाल वस्त्र
  • तांबे के पात्र
  • जल से भरा मिट्टी का घड़ा
  • प्रसाद (लड्डू या मिठाई)
  • पंखा या जलपान सामग्री (गर्मी से राहत के लिए)

 प्रमुख हनुमान मंदिरों में विशेष आयोजन

बड़े मंगल के दिन देशभर के हनुमान मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं। लखनऊ में अलीगंज, सआदतगंज, और अमीनाबाद के मंदिरों में विशाल भंडारे, झांकियां, और कीर्तन आयोजित किए जाते हैं। भक्तगण भोर से ही दर्शन के लिए पंक्तियों में खड़े हो जाते हैं।


 2025 में बड़े मंगल की तारीखें

1.    पहला बड़ा मंगल – 13 मई 2025

2.    दूसरा बड़ा मंगल – 20 मई 2025

3.    तीसरा बड़ा मंगल – 27 मई 2025

4.    चौथा बड़ा मंगल – 3 जून 2025

5.    पाँचवाँ बड़ा मंगल – 10 जून 2025


 क्या लाभ होता है बड़ा मंगल की पूजा से?

  • घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • मानसिक और शारीरिक बल में वृद्धि होती है।
  • शनि, राहु-केतु के दोष शांत होते हैं।
  • रोजगार, विवाह और संतान से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं।
  • कोर्ट-कचहरी और रोग-संताप से मुक्ति मिलती है।

बड़ा मंगल केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति और ऊर्जा का संचार है। इस दिन पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ यदि हनुमान जी की पूजा की जाए तो जीवन के समस्त संकटों का निवारण संभव है। मंत्र, भोग, दान और सेवा — इन चार स्तंभों से यह दिन एक अद्भुत अनुभव बन सकता है।


 डिस्क्लेमर

यह लेख धार्मिक मान्यताओं और जन-विश्वासों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी सामान्य श्रद्धा और परंपरा के आधार पर प्रस्तुत की गई है। किसी भी अनुष्ठान या पूजा से पहले योग्य पंडित या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।