Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत के दिन करें इस चालीसा का पाठ, मिलेंगे शुभ फल, प्रसन्न होंगे महादेव

2025 में कब-कब है प्रदोष व्रत? जानिए सभी तिथियाँ, शिव पूजा की विधि और शिव चालीसा का पाठ जो महादेव को प्रसन्न करता है और देता है जीवन में सुख-समृद्धि।

Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत के दिन करें इस चालीसा का पाठ, मिलेंगे शुभ फल, प्रसन्न होंगे महादेव

 

प्रदोष व्रत 2025 की तिथियाँ

साल 2025 में प्रदोष व्रत निम्नलिखित तिथियों पर पड़ेंगे:

तिथि

वार

व्रत का प्रकार

11 जनवरी

शनिवार

शनि प्रदोष व्रत

27 जनवरी

सोमवार

सोम प्रदोष व्रत

9 फरवरी

रविवार

रवि प्रदोष व्रत

25 फरवरी

मंगलवार

भौम प्रदोष व्रत

11 मार्च

मंगलवार

भौम प्रदोष व्रत

27 मार्च

गुरुवार

गुरु प्रदोष व्रत

10 अप्रैल

गुरुवार

गुरु प्रदोष व्रत

25 अप्रैल

शुक्रवार

शुक्र प्रदोष व्रत

9 मई

शुक्रवार

शुक्र प्रदोष व्रत

24 मई

शनिवार

शनि प्रदोष व्रत

8 जून

रविवार

रवि प्रदोष व्रत

23 जून

सोमवार

सोम प्रदोष व्रत

8 जुलाई

मंगलवार

भौम प्रदोष व्रत

22 जुलाई

मंगलवार

भौम प्रदोष व्रत

6 अगस्त

बुधवार

बुध प्रदोष व्रत

20 अगस्त

बुधवार

बुध प्रदोष व्रत

5 सितंबर

शुक्रवार

शुक्र प्रदोष व्रत

19 सितंबर

शुक्रवार

शुक्र प्रदोष व्रत

4 अक्टूबर

शनिवार

शनि प्रदोष व्रत

18 अक्टूबर

शनिवार

शनि प्रदोष व्रत

3 नवंबर

सोमवार

सोम प्रदोष व्रत

17 नवंबर

सोमवार

सोम प्रदोष व्रत

2 दिसंबर

मंगलवार

भौम प्रदोष व्रत

17 दिसंबर

बुधवार

बुध प्रदोष व्रत


 प्रदोष व्रत की पूजा विधि

1.    स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

2.    उपवास: दिनभर उपवास रखें; फलाहार या जल ग्रहण कर सकते हैं।

3.    शिव पूजन का समय: सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में, जो लगभग 1.5 घंटे का होता है, शिव पूजन करें।

4.    अभिषेक: शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद और पंचामृत से अभिषेक करें।

5.    अर्पण सामग्री: बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, फल, फूल, धूप-दीप अर्पित करें।

6.    मंत्र जाप: 'ॐ नमः शिवाय' का 108 बार जाप करें।

7.    व्रत कथा: प्रदोष व्रत की कथा का श्रवण या पाठ करें।

8.    आरती और प्रसाद: भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

9.    व्रत पारण: अगले दिन प्रातःकाल व्रत का पारण करें और जरूरतमंदों को दान दें।


 शिव चालीसा का पाठ

प्रदोष व्रत के दिन शिव चालीसा का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह पाठ भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और भक्तों को आध्यात्मिक बल प्रदान करता है। शिव चालीसा का पाठ करने से मन की शुद्धि होती है और महादेव की कृपा प्राप्त होती है।

प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस व्रत के दिन विधिपूर्वक पूजा, व्रत कथा का पाठ और शिव चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। महादेव की कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।