करोड़ों iPhone यूजर्स पर मंडराया हैकिंग का खतरा, इस फीचर को तुरंत बंद करें

iPhone के NameDrop फीचर से करोड़ों यूजर्स पर हैकिंग का खतरा मंडरा रहा है। जानिए इस फीचर को कैसे बंद करें और अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।

करोड़ों iPhone यूजर्स पर मंडराया हैकिंग का खतरा, इस फीचर को तुरंत बंद करें

आजकल स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। खासकर iPhone यूजर्स की संख्या भारत समेत दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है। परंतु जब बात सुरक्षा की आती है, तो यह सोचना जरूरी हो जाता है कि क्या हमारी निजी जानकारियां वाकई में सुरक्षित हैं? हाल ही में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, जिसमें करोड़ों iPhone यूजर्स के लिए हैकिंग का खतरा बताया गया है। साथ ही एक फीचर को न इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।

आइए विस्तार से जानते हैं कि यह खतरा क्या है, कौन-सा फीचर चिंता का कारण बना हुआ है, और इससे कैसे बचा जा सकता है।


क्या है यह नया खतरा?

एप्पल के कुछ पूर्व कर्मचारियों और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने यह दावा किया है कि iPhone में मौजूद एक फीचर को हैकर्स निशाना बना रहे हैं। यह फीचर बहुत ही आम है और अधिकतर यूजर्स इसका उपयोग करते हैं – इसका नाम है "NameDrop"

यह फीचर iOS 17 में लॉन्च किया गया था और इसका मकसद था कि दो iPhone यूजर्स केवल पास लाकर अपना नाम, नंबर या ईमेल एक-दूसरे से शेयर कर सकें। यह एक क्विक शेयरिंग विकल्प की तरह काम करता है।

लेकिन अब विशेषज्ञों का कहना है कि यही सुविधा हैकिंग का माध्यम बन सकती है।


NameDrop फीचर क्यों है खतरनाक?

NameDrop फीचर NFC (Near Field Communication) तकनीक पर आधारित है। जब दो iPhone डिवाइस एक-दूसरे के नजदीक लाए जाते हैं, तो वे बिना अनुमति के भी डेटा शेयर करना शुरू कर सकते हैं, यदि यह फीचर ऑन है।

अब अगर कोई अनजान व्यक्ति जानबूझकर अपना डिवाइस आपके iPhone के पास लाए और आपका NameDrop ऑन हो, तो आपकी जानकारी चोरी की जा सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह खासतौर से भीड़-भाड़ वाली जगहों (जैसे मेट्रो, मॉल, भीड़ में यात्राएं) में खतरनाक साबित हो सकता है।


किन यूजर्स को सबसे ज्यादा खतरा?

  • जो यूजर्स iOS 17 या उसके बाद के वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं।
  • जिनका NameDrop फीचर डिफॉल्ट रूप से ऑन है।
  • जो लोग पब्लिक प्लेस में फोन का अधिक इस्तेमाल करते हैं।
  • युवा और विद्यार्थी जो नई टेक्नोलॉजी को बिना जांचे परखे प्रयोग करते हैं।

कैसे बंद करें NameDrop फीचर?

यदि आप इस संभावित खतरे से बचना चाहते हैं, तो आपको अपने iPhone में यह फीचर बंद करना चाहिए। इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:

1.    Settings खोलें

2.    नीचे स्क्रॉल कर के General पर जाएं

3.    फिर AirDrop को चुनें

4.    यहां आपको “Bringing Devices Togetherका ऑप्शन दिखेगा

5.    इसे Off कर दें

इतना करने से NameDrop फीचर निष्क्रिय हो जाएगा और आप अनजाने में किसी के साथ अपना डेटा शेयर नहीं करेंगे।


Apple की प्रतिक्रिया

Apple की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक चेतावनी जारी नहीं हुई है, लेकिन यूजर्स को सलाह दी जा रही है कि वे किसी भी नई सुविधा को एक्टिवेट करने से पहले उसके बारे में जानकारी हासिल करें।

Apple के पिछले इतिहास को देखते हुए, कंपनी सुरक्षा को लेकर हमेशा सख्त रही है। लेकिन तकनीकी खामियां हर बड़े सिस्टम में होती हैं और उनका समय रहते समाधान करना जरूरी होता है।


बच्चों और बुजुर्गों को भी सतर्क करने की जरूरत

यह जरूरी है कि बच्चों, बुजुर्गों और तकनीक से कम परिचित लोगों को इस खतरे के बारे में बताया जाए। कई बार ये वर्ग बिना जाने सेटिंग्स चालू रखते हैं और उन्हें अंदाजा नहीं होता कि उनके फोन से जानकारी लीक हो सकती है।


इसके अलावा किन बातों का ध्यान रखें?

1.    iOS को अपडेट रखें – Apple अक्सर सिक्योरिटी अपडेट्स देता है, इसलिए लेटेस्ट वर्जन इंस्टॉल करना जरूरी है।

2.    AirDrop को “Contacts Only” पर सेट करेंइससे अजनबी लोग डेटा शेयर नहीं कर पाएंगे।

3.    ब्लूटूथ और Wi-Fi को जरूरत न होने पर बंद रखें

4.    अनजाने नेटवर्क से कनेक्ट न हों।

5.    सुरक्षित पासवर्ड और फेशियल लॉक का प्रयोग करें।


क्या Android यूजर्स को भी ऐसा खतरा है?

इस विशेष केस में Android यूजर्स फिलहाल सुरक्षित हैं, क्योंकि NameDrop सिर्फ Apple iPhones में उपलब्ध है। हालांकि Android में भी NFC आधारित फीचर्स हैं जिन्हें सावधानी से उपयोग करना चाहिए।

साइबर अटैक और डेटा चोरी की घटनाएं हर प्लेटफॉर्म पर हो सकती हैं, इसलिए सतर्क रहना सभी के लिए जरूरी है।


iPhone यूजर्स के लिए यह चेतावनी किसी अलार्म से कम नहीं है। एक छोटा-सा फीचर, जो बहुत आसान और काम का लगता है, असल में आपकी निजी जानकारी को खतरे में डाल सकता है। इसलिए, NameDrop जैसे फीचर्स को सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही एक्टिव करें और डिफॉल्ट सेटिंग्स को समय-समय पर चेक करते रहें।

तकनीक का इस्तेमाल समझदारी से किया जाए, तो वह वरदान है, वरना यही तकनीक हमारी सबसे बड़ी कमजोरी भी बन सकती है।


डिस्क्लेमर:

यह लेख केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई तकनीकी जानकारी एवं सुझाव सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध तथ्यों पर आधारित हैं। कृपया किसी भी सेटिंग को बदलने से पहले, Apple के ऑफिशियल सपोर्ट पेज या किसी आईटी एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें। लेखक किसी भी प्रकार की डिवाइस क्षति या डेटा लॉस के लिए जिम्मेदार नहीं है।