Mohini Ekadashi Vrat 2025: मई में मोहिनी एकादशी कब है? नोट करें तारीख और जानें इसका महत्व

मोहिनी एकादशी व्रत 2025 में 8 मई को है। जानें इसकी पौराणिक कथा, व्रत विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

Mohini Ekadashi Vrat 2025: मई में मोहिनी एकादशी कब है? नोट करें तारीख और जानें इसका महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रतों का विशेष महत्व है, और उनमें से एक है मोहिनी एकादशी, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। यह व्रत भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान अमृत की रक्षा के लिए मोहिनी रूप धारण किया था।


 मोहिनी एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • व्रत तिथि: गुरुवार, 8 मई 2025
  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 मई 2025 को सुबह 10:19 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 8 मई 2025 को दोपहर 12:29 बजे
  • पारण (व्रत खोलने) का समय: 9 मई 2025 को सुबह 5:38 बजे से 8:18 बजे तक
  • द्वादशी तिथि समाप्त: 9 मई 2025 को दोपहर 2:55 बजे

 मोहिनी एकादशी की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब देवताओं और असुरों ने मिलकर अमृत प्राप्त किया, तब अमृत को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। असुरों ने अमृत को अपने अधिकार में लेने का प्रयास किया, जिससे देवता चिंतित हो गए। तब भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया, जिसे 'मोहिनी' कहा गया। मोहिनी रूप में भगवान विष्णु ने असुरों को मोहित कर दिया और चतुराई से अमृत देवताओं को पिला दिया। इस प्रकार, देवताओं को अमरत्व प्राप्त हुआ और असुर वंचित रह गए।


 मोहिनी एकादशी व्रत विधि

1.    पूर्व संध्या (7 मई): सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

2.    व्रत का दिन (8 मई):

o   प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

o   भगवान विष्णु की पूजा करें, उन्हें तुलसी, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।

o   विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें।

o   दिन भर उपवास रखें; फलाहार या निर्जल व्रत का पालन करें।

3.    पारण (9 मई):

o   प्रातःकाल निर्धारित समय में व्रत खोलें।

o   ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।


 मोहिनी एकादशी का महत्व

  • पापों से मुक्ति: इस व्रत के पालन से व्यक्ति को पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
  • मोह-माया से छुटकारा: मोहिनी एकादशी व्रत से व्यक्ति भौतिक आकर्षणों से ऊपर उठकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
  • सुख-समृद्धि: व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  • मोक्ष की प्राप्ति: यह व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

 अस्वीकरण (Disclaimer)

इस लेख में प्रस्तुत जानकारी विभिन्न धार्मिक ग्रंथों, पंचांगों और ज्योतिषीय स्रोतों से संकलित की गई है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते। व्रत या पूजा विधियों का पालन करने से पहले किसी योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow