घर की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम डालें: टैक्स में ₹3 लाख तक की बचत के 5 तरीके
जानिए कैसे घर की रजिस्ट्री पत्नी के नाम करवाने से स्टांप ड्यूटी में ₹3 लाख तक की बचत हो सकती है। पढ़ें प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने में टैक्स बचाने के 5 स्मार्ट तरीके।

घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन इस सपने के साथ कई तरह के टैक्स और खर्च भी जुड़ जाते हैं। अगर आप स्मार्ट तरीके से प्लानिंग करें तो लाखों रुपये की टैक्स बचत की जा सकती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कैसे पत्नी के नाम रजिस्ट्री कराने से टैक्स में ₹3 लाख तक की बचत हो सकती है, और साथ ही, प्रॉपर्टी खरीदते-बेचते वक्त टैक्स बचाने के 5 अहम तरीके कौन से हैं।
1. घर की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम शामिल करें
कैसे मिलेगा फायदा?
भारत के कई राज्यों में महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में छूट मिलती है। यदि आप प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री केवल पत्नी के नाम या पति-पत्नी के संयुक्त नाम से कराते हैं, तो स्टांप ड्यूटी कम लगती है।
उदाहरण:
दिल्ली में पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी 6% है, जबकि महिलाओं के लिए यह 4% है। यानी ₹50 लाख के फ्लैट पर पुरुष को ₹3 लाख चुकाने होंगे, लेकिन महिला के नाम होने पर सिर्फ ₹2 लाख देना होगा – ₹1 लाख की बचत।
किन राज्यों में है छूट?
- दिल्ली
- उत्तर प्रदेश
- हरियाणा
- राजस्थान
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
(सभी राज्यों की छूट अलग-अलग है, स्थानीय रजिस्ट्रार से जानकारी लें।)
अतिरिक्त लाभ:
- महिलाएं गृह ऋण पर टैक्स में अलग से छूट ले सकती हैं।
- अगर प्रॉपर्टी पत्नी के नाम है, तो भविष्य में ट्रांसफर या उत्तराधिकार में विवाद नहीं होता।
2. संयुक्त होम लोन लेकर टैक्स में डबल छूट पाएं
यदि पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं और संयुक्त रूप से होम लोन लेते हैं, तो दोनों को आयकर अधिनियम की धारा 80C और 24(b) के तहत अलग-अलग छूट मिलती है।
कैसे फायदा मिलेगा:
- धारा 80C के तहत – ₹1.5 लाख तक मूलधन (Principal) पर छूट
- धारा 24(b) के तहत – ₹2 लाख तक ब्याज (Interest) पर छूट
यानि दोनों मिलाकर ₹7 लाख तक टैक्स छूट मिल सकती है।
शर्तें:
- दोनों मालिक होने चाहिएं।
- दोनों की आय से लोन चुकाया जा रहा हो।
3. लंबी अवधि के निवेश से कैपिटल गेन टैक्स में राहत
अगर आप खरीदी गई प्रॉपर्टी को 2 साल या उससे अधिक समय तक रखते हैं और फिर बेचते हैं, तो वह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के अंतर्गत आती है।
फायदे:
- सिर्फ 20% टैक्स लगेगा (कुछ मामलों में इंडेक्सेशन के बाद टैक्स और कम हो सकता है)।
- सेक्शन 54 के तहत नए घर में निवेश करने पर LTCG टैक्स से पूरी छूट मिल सकती है।
क्या करें:
- बेचने से पहले 2 साल (या उससे ज़्यादा) का इंतज़ार करें।
- बेचे गए पैसों से नई रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदें।
4. कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम का लाभ लें
अगर आप प्रॉपर्टी बेच चुके हैं लेकिन नई प्रॉपर्टी में निवेश तुरंत नहीं कर पा रहे, तो सरकार की Capital Gain Account Scheme (CGAS) का इस्तेमाल करें।
कैसे मददगार है?
- बेचने के बाद पैसा बैंक के स्पेशल कैपिटल गेन अकाउंट में जमा करें।
- दो साल के भीतर नया घर खरीदें या तीन साल के भीतर घर बनवाएं।
- तब तक LTCG टैक्स नहीं लगेगा।
यह क्यों ज़रूरी?
यह स्कीम उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो बेचने और खरीदने के बीच थोड़ा समय लेना चाहते हैं।
5. किराये की आय पर स्टैंडर्ड डिडक्शन और हाउसिंग लोन छूट
अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदकर उसे किराए पर दिया है, तो उस पर आने वाली आय पर टैक्स लगेगा। लेकिन आयकर अधिनियम में कुछ राहतें हैं।
क्या लाभ मिलेंगे?
- किराया आय पर 30% का स्टैंडर्ड डिडक्शन।
- हाउसिंग लोन के ब्याज पर पूरी छूट, चाहे ब्याज ₹2 लाख से ज्यादा ही क्यों न हो।
कैसे फायदा उठाएं:
- किराया नियमित बैंक खाते में लें ताकि रिकॉर्ड रहे।
- प्रॉपर्टी की देखरेख और रिपेयरिंग खर्च को टैक्स रिटर्न में दिखाएं।
एक नजर में टैक्स बचत का हिसाब
उपाय |
अनुमानित बचत |
पत्नी के नाम रजिस्ट्री |
₹1-3 लाख (स्टांप ड्यूटी में) |
संयुक्त लोन टैक्स छूट |
₹7 लाख तक (दोनों मिलाकर) |
LTCG पर सेक्शन 54 छूट |
पूरी कैपिटल गेन पर छूट |
CGAS में पैसा जमा |
LTCG टैक्स डिफर |
किराया आय पर डिडक्शन |
30% + ब्याज पर राहत |
अतिरिक्त सुझाव:
- रजिस्ट्री से पहले किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स सलाहकार से सलाह लें।
- पत्नी को को-ऑनर बनाते समय यह ध्यान रखें कि यदि भविष्य में कोई कानूनी विवाद हो, तो संपत्ति दोनों की मानी जाएगी।
- CGAS का फॉर्म और प्रक्रिया जटिल हो सकती है, बैंक से स्पष्ट जानकारी लें।
संपत्ति खरीदना सिर्फ एक भावनात्मक निर्णय नहीं, बल्कि एक वित्तीय योजना भी है। अगर सही जानकारी और प्लानिंग के साथ प्रॉपर्टी खरीदी जाए, तो टैक्स में लाखों रुपये की बचत की जा सकती है। खासकर पत्नी के नाम रजिस्ट्री कराने, संयुक्त होम लोन लेने, और लंबी अवधि की बिक्री नीति अपनाने से आपको बहुत बड़ा लाभ हो सकता है।
इन सभी टैक्स बचत उपायों को अपनाकर आप अपने सपनों का घर खरीदते हुए भविष्य के लिए मजबूत आर्थिक नींव भी तैयार कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। प्रॉपर्टी खरीदने या टैक्स से संबंधित निर्णय लेने से पहले किसी अधिकृत वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श अवश्य लें। लेख में दी गई जानकारी समय और राज्य विशेष की नीतियों पर निर्भर कर सकती है।