आज संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें मुहूर्त
16 मई 2025 को संकष्टी चतुर्थी पर मालव्य राजयोग और गजकेसरी योग जैसे शुभ योग बन रहे हैं। जानें पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

आज, 16 मई 2025 को संकष्टी चतुर्थी का पावन पर्व है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से गणेशजी की पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस वर्ष संकष्टी चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।
संकष्टी चतुर्थी: तिथि और महत्व
संकष्टी चतुर्थी हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने और गणेशजी की पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है। इस बार यह पर्व 16 मई 2025, शुक्रवार को मनाया जा रहा है, जो ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है।
शुभ-अशुभ योग
इस संकष्टी चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं:
- मालव्य राजयोग: शुक्र ग्रह के प्रभाव से मेष, कन्या, धनु, कुंभ और मीन राशियों के लिए यह योग विशेष लाभकारी है।
- गजकेसरी योग: चंद्रमा धनु राशि में गोचर करेगा और गुरु की दृष्टि से यह योग बनेगा, जो मानसिक शांति और समृद्धि प्रदान करेगा।
इन योगों के प्रभाव से विशेष रूप से मेष, मिथुन और तुला राशि के जातकों को लाभ प्राप्त हो सकता है।
शुभ मुहूर्त और चंद्रदर्शन
- चतुर्थी तिथि: 16 मई को प्रातः 5:14 बजे तक रहेगी, उसके बाद पंचमी तिथि आरंभ होगी।
- राहुकाल: प्रातः 10:30 बजे तक रहेगा, इस समय में शुभ कार्यों से बचना चाहिए।
- चंद्रदर्शन: रात 10:00 बजे चंद्रोदय होगा, इस समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
पूजा विधि
1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. गणेशजी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. गणेशजी को दूर्वा, फूल, सिंदूर, मोदक और फल अर्पित करें।
4. गणेश मंत्रों का जाप करें
o ॐ गं गणपतये नमः
o ॐ एकदन्ताय नमः
5. गणेश चालीसा और आरती का पाठ करें।
6. रात 10:00 बजे चंद्रदर्शन करके अर्घ्य अर्पित करें और व्रत का पारण करें।
राशियों पर प्रभाव
- मेष: रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी।
- कन्या: संपत्ति से जुड़े कार्यों में लाभ होगा, पारिवारिक जीवन में संतुलन रहेगा।
- धनु: आत्मबल में वृद्धि होगी, व्यावसायिक योजनाएं सफल होंगी।
- कुंभ: आय में वृद्धि और नौकरी में प्रगति संभव है।
- मीन: प्रोफेशनल और सामाजिक क्षेत्र में प्रशंसा मिलेगी, वैवाहिक जीवन में सुखद अनुभव होगा।
संकष्टी चतुर्थी का यह पर्व विशेष रूप से गणेशजी की कृपा प्राप्त करने का अवसर है। इस दिन व्रत रखने, पूजा-अर्चना करने और चंद्रदर्शन के साथ व्रत का पारण करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। विशेष रूप से इस वर्ष बन रहे शुभ योगों के कारण यह दिन और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
डिस्क्लेमर
यह लेख धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है। कृपया किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या व्रत से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।