जून 2025 में एकादशी व्रत की तिथियाँ: जानें सही तारीखें और महत्व

जून 2025 में निर्जला और योगिनी एकादशी कब हैं? जानें इन व्रतों की सही तिथियाँ, पारण समय और धार्मिक महत्व।

जून 2025 में एकादशी व्रत की तिथियाँ: जानें सही तारीखें और महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर माह में दो एकादशी तिथियाँ आती हैं—एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। जून 2025 में दो प्रमुख एकादशी व्रत होंगे: निर्जला एकादशी और योगिनी एकादशी। इन व्रतों का पालन करने से आध्यात्मिक लाभ, पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


जून 2025 में एकादशी व्रत की तिथियाँ

व्रत का नाम

तिथि

दिन

पक्ष

निर्जला एकादशी

6 जून 2025

शुक्रवार

शुक्ल पक्ष

योगिनी एकादशी

21 जून 2025

शनिवार

कृष्ण पक्ष


1. निर्जला एकादशी (6 जून 2025, शुक्रवार)

महत्व: निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन बिना जल के उपवास रखने से वर्ष भर की सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है। यह व्रत पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

व्रत विधि:

  • प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • धूप, दीप, पुष्प, तुलसी दल आदि अर्पित करें।
  • दिन भर बिना जल ग्रहण किए उपवास रखें।
  • रात्री में भगवान की कथा सुनें और भजन-कीर्तन करें।
  • अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।

पारण समय: 7 जून 2025 को प्रातः 01:02 PM से 03:44 PM के बीच।


2. योगिनी एकादशी (21 जून 2025, शनिवार)

महत्व: योगिनी एकादशी का व्रत पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन व्रत रखने से पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

व्रत विधि:

  • प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • धूप, दीप, पुष्प, तुलसी दल आदि अर्पित करें।
  • दिन भर उपवास रखें और भगवान के नाम का जप करें।
  • रात्री में जागरण करें और भजन-कीर्तन करें।
  • अगले दिन व्रत का पारण करें।

पारण समय: 22 जून 2025 को प्रातः 01:49 PM से 04:30 PM के बीच।


एकादशी व्रत के लाभ

  • आध्यात्मिक शुद्धि: एकादशी व्रत से मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
  • पापों का नाश: व्रत रखने से पूर्व जन्मों के पाप नष्ट होते हैं।
  • मोक्ष की प्राप्ति: एकादशी व्रत से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: उपवास से शरीर को विश्राम मिलता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

जून 2025 में आने वाली निर्जला और योगिनी एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है। इन व्रतों को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक शुद्धि भी प्राप्त होती है। यदि आप इन व्रतों का पालन करना चाहते हैं, तो उपरोक्त जानकारी आपके लिए सहायक होगी।