Surya Dev Puja Tips: इस नियम से करें भगवान सूर्य की आरती, धन-धान्य में होगी वृद्धि
भगवान सूर्य की पूजा और आरती यदि सही विधि से की जाए, तो जीवन में सुख, समृद्धि और धन की कोई कमी नहीं रहती। जानिए सूर्य पूजन से जुड़े आसान लेकिन प्रभावशाली नियम।

हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को साक्षात देवता माना गया है। वे न केवल प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत हैं, बल्कि स्वास्थ्य, धन, पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान के भी दाता माने जाते हैं।
अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर हो, आत्मबल कमज़ोर हो रहा हो या जीवन में आर्थिक समस्याएं बार-बार आ रही हों, तो भगवान सूर्य की आराधना सबसे प्रभावी उपाय है। खासतौर पर सुबह की आरती और जल अर्पण, धन-धान्य और सफलता का कारण बन सकते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे –
- भगवान सूर्य की पूजा का सही समय और नियम
- आरती कैसे और कब करें
- किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- और विशेष मन्त्र एवं उपाय
सूर्य पूजा का सही समय
सबसे उत्तम समय:
ब्राह्ममुहूर्त से सूर्योदय तक (सुबह 4:30 से 6:30 बजे तक) सूर्य पूजा का सर्वोत्तम समय होता है।
विशेष दिन:
- रविवार को सूर्य पूजा का विशेष महत्व
- सप्तमी तिथि, रथ सप्तमी, और मकर संक्रांति
- छठ पर्व पर भी सूर्य आराधना विशेष फलदायक होती है
भगवान सूर्य की पूजा की विधि
1. प्रातःकाल स्नान करें – शुद्ध वस्त्र पहनें (सफेद या लाल)
2. तांबे के लोटे में जल भरें, उसमें लाल फूल, रोली, चावल, और मिश्री डालें
3. पूर्व दिशा की ओर मुख करें
4. सूर्यदेव को जल अर्पित करें — जल धीरे-धीरे गिराते हुए सूर्य को निहारें
5. इसके बाद सूर्य मंत्र का जप करें
मंत्र:
"ॐ घृणि सूर्याय नमः" – कम से कम 11 बार जप करें।
6. पूजा के बाद आरती करें और धूप-अगरबत्ती जलाएं
7. प्रसाद में गुड़, गेहूं, या चने का भोग अर्पित करें
सूर्य देव की आरती: नियम और विधि
आरती से पहले:
- दीपक में सरसों का तेल या घी का दीप जलाएं
- आरती थाल में फूल, चावल, कपूर रखें
- दोनों हाथों से दीप थामें और मन में भाव रखें – “हे सूर्यदेव! जीवन में प्रकाश और ऊर्जा भरें”
सूर्य देव की आरती (पूर्ण संस्करण)
जय सूर्य देव, जय सूर्य देव, जय जय भानु प्रकाश।
सात घोड़ों की सवारी, छवि है अति विकाश॥
लाल कमल पर बिराजे, अरुण किरण की छटा।
सिंधु पुत्र हो आदित्य, तीन लोक में व्याप्त॥
जय सूर्य देव...
चरणों में जो शीश नवाए, सब संकट हर जाते।
दीन-दुखी के तुम सहारे, तम को दूर भगाते॥
जय सूर्य देव...
संध्या और प्रातःकाल में, करें जो नित ध्यान।
आयु, आरोग्य और यश, पावें सुख महान॥
जय सूर्य देव...
माथे तिलक चंदन धरिए, जल से अर्घ्य चढ़ाइए।
सच्चे भाव से पूजा कीजै, मनोवांछित फल पाइए॥
जय सूर्य देव...
जो भक्त तुम्हारी आरती, नित्य सवेरे गाए।
कभी न जीवन में उसका, भाग्य रुष्ट हो पाए॥
जय सूर्य देव...
सूर्य देव की पूजा से लाभ
1. धन-धान्य की वृद्धि
2. स्वास्थ्य लाभ, विशेषकर आंखों और हड्डियों के लिए
3. नौकरी और पद-प्राप्ति में मदद
4. मन में आत्मविश्वास और उत्साह का संचार
5. नकारात्मक ऊर्जा का नाश
क्या न करें सूर्य पूजा में?
नियम |
क्यों ज़रूरी है? |
गंदे कपड़े न पहनें |
अपवित्रता से पूजा निष्फल होती है |
बिना स्नान के पूजा न करें |
शुद्धता का ध्यान रखें |
शाम को सूर्य को जल न चढ़ाएं |
सूर्य केवल प्रातःकाल ही पूजनीय हैं |
कपूर और धूप के बाद जल न अर्पित करें |
अनुक्रम उलटने से दोष होता है |
झूठ, क्रोध या कटु वाणी न बोलें |
सूर्य पूजा में मानसिक शुद्धता अत्यावश्यक है |
विशेष उपाय सूर्य देव के लिए
1. रविवार को गेहूं और गुड़ का दान करें
2. सूर्य को गुड़ मिलाकर जल अर्पित करें
3. तांबे के बर्तन का प्रयोग करें
4. सप्ताह में एक दिन सूर्य मंत्र का जाप 108 बार करें
5. रवि ग्रह शांति हेतु चंदन का तिलक लगाएं
सूर्य नमस्कार: आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ
सूर्य की उपासना केवल पूजा से ही नहीं होती, योग में सूर्य नमस्कार को अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना गया है।
सूर्य नमस्कार के लाभ:
- शरीर में रक्तसंचार बेहतर होता है
- पाचन और त्वचा की समस्या में राहत
- मानसिक स्थिरता और एकाग्रता में वृद्धि
- आत्मबल बढ़ता है
भगवान सूर्य की पूजा एक सीधी, सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली प्रक्रिया है। यदि सही नियमों के साथ आरती और अर्घ्य प्रतिदिन दिया जाए, तो व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक हर क्षेत्र में लाभ होता है।
सुबह का समय सूर्य पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है, और यदि आप उपरोक्त नियमों का पालन करते हैं तो निश्चित ही आपके जीवन में धन, ऊर्जा और उत्साह की कोई कमी नहीं रहेगी।
Disclaimer (अस्वीकरण):
यह लेख धार्मिक और सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी विशेष पूजा या उपाय को अपनाने से पहले अपने गुरु, पंडित या विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह अवश्य लें।