बैठे-बैठे हाथ-पैर हो जाते हैं सुन्न! जानें क्यों होती है झुनझुनी और कैसे पाएं इससे राहत

बैठे-बैठे हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्न होने की समस्या आम है। जानें इसके कारण, लक्षण और इससे राहत पाने के उपाय।

बैठे-बैठे हाथ-पैर हो जाते हैं सुन्न! जानें क्यों होती है झुनझुनी और कैसे पाएं इससे राहत

 

हाथ और पैर में झुनझुनी या सुन्न होने की समस्या एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी विशेष स्थिति में शरीर के हिस्से में असहजता का कारण बनती है। अक्सर यह स्थिति कुछ देर के लिए होती है, जैसे किसी जगह पर लंबे समय तक बैठे रहने के कारण, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार होती है, तो इसे नजरअंदाज करना उचित नहीं है। इस लेख में हम जानेंगे कि हाथ-पैर में झुनझुनी क्यों होती है, इसके कारण क्या हैं और इससे राहत पाने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं।

हाथ और पैर में झुनझुनी के कारण

1.    खून का प्रवाह रुकना (Reduced Blood Circulation):
जब हम किसी स्थान पर लंबे समय तक बैठते हैं या एक ही स्थिति में खड़े रहते हैं, तो शरीर के कुछ हिस्सों में खून का प्रवाह कम हो सकता है। इससे हाथ और पैर में सुन्न होने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह एक अस्थायी स्थिति होती है और शरीर के सही तरीके से हिलने-डुलने से इस समस्या का समाधान हो जाता है।

2.    तंत्रिका दबाव (Nerve Compression):
कभी-कभी, हमारी तंत्रिकाओं पर दबाव पड़ने से भी झुनझुनी हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आप गलत तरीके से सो रहे हैं या किसी समय बहुत देर तक बैठने की स्थिति में रहते हैं, तो तंत्रिका पर दबाव बनता है और यह सुन्न होने का कारण बन सकता है। जैसे कि "टांग टांगने" की स्थिति में पैर में झुनझुनी महसूस होना।

3.    स्नायु-तंत्रिका संबंधी विकार (Neurological Disorders):
कभी-कभी झुनझुनी लंबे समय तक बनी रहती है और यह एक और गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। उदाहरण के लिए, डायबिटीज, रैमिक्स (Carpal Tunnel Syndrome), Multiple Sclerosis, या स्टोक जैसी स्थितियों में तंत्रिका क्षति के कारण झुनझुनी हो सकती है।

4.    विटामिन और मिनरल की कमी (Vitamin and Mineral Deficiency):
विटामिन बी12 और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण भी झुनझुनी हो सकती है। ये पोषक तत्व तंत्रिकाओं के अच्छे कार्य के लिए जरूरी होते हैं, और इनकी कमी से तंत्रिका तंतुओं में समस्या हो सकती है।

5.    तनाव और चिंता (Stress and Anxiety):
अत्यधिक मानसिक तनाव और चिंता के कारण भी हाथ-पैर में झुनझुनी हो सकती है। जब हमारा शरीर तनाव में होता है, तो तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ता है, जिससे अस्थायी सुन्नपन या झुनझुनी महसूस होती है।

6.    हॉर्मोनल बदलाव (Hormonal Changes):
गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या हॉर्मोनल असंतुलन के कारण भी झुनझुनी हो सकती है। इन बदलावों के दौरान शरीर में तरल पदार्थ और खून का प्रवाह बदलता है, जो तंत्रिकाओं पर दबाव डाल सकता है।

झुनझुनी के लक्षण

हाथ-पैर में झुनझुनी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं, लेकिन सामान्य रूप से इसमें निम्नलिखित लक्षण होते हैं:

  • अस्थायी सुन्नपन (Temporary numbness)
  • जलन और हलका दर्द (Burning or tingling sensation)
  • मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle weakness)
  • शरीर के हिस्से का सही तरीके से काम न करना (Difficulty in movement)
  • लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने पर असहजता (Discomfort after long sitting or standing)

झुनझुनी से राहत के उपाय

यदि आप बार-बार झुनझुनी से परेशान हैं तो निम्नलिखित उपायों को अपनाकर आप इसे दूर कर सकते हैं:

1.    खुद को हिलाएं और बदलें (Move and Stretch):
लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से बचें। अगर आप बैठकर काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में खड़े होकर कुछ समय के लिए चलें। यह आपके शरीर में खून के प्रवाह को बढ़ाता है और तंत्रिकाओं पर दबाव को कम करता है।

2.    उचित आहार (Healthy Diet):
अपनी डाइट में विटामिन बी12, मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। ये पोषक तत्व तंत्रिकाओं के अच्छे कार्य के लिए जरूरी होते हैं और इनकी कमी को दूर करने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

3.    तनाव कम करें (Reduce Stress):
मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए योग, ध्यान, या गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाएं। यह न केवल मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है, बल्कि शारीरिक लक्षणों को भी कम करता है।

4.    गर्म या ठंडी सिकाई (Hot or Cold Compress):
झुनझुनी होने पर गर्म या ठंडी सिकाई का उपयोग करें। ठंडी सिकाई सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है, जबकि गर्म सिकाई तंत्रिकाओं को आराम देती है और रक्त संचार को बढ़ाती है।

5.    सही मुद्रा में बैठें (Sit in Correct Posture):
यदि आप कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी मुद्रा सही हो। गलत मुद्रा से तंत्रिकाओं पर दबाव पड़ता है, जिससे झुनझुनी हो सकती है।

6.    व्यायाम (Exercise):
नियमित व्यायाम से शरीर का रक्त प्रवाह बेहतर होता है और तंत्रिकाओं पर दबाव कम होता है। योगासन और stretching exercises विशेष रूप से लाभकारी होते हैं।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि आपको बार-बार या लगातार झुनझुनी हो रही है और इसके साथ अन्य लक्षण जैसे दर्द, कमजोरी, या सुन्नपन महसूस हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, जैसे कि न्यूरोलॉजिकल विकार, डायबिटीज, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। कृपया अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें।