ज्येष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी 2025: भगवान श्रीकृष्ण की मासिक आराधना का शुभ अवसर
जानिए ज्येष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी 2025 की तिथि, पूजा विधि, व्रत नियम और इसका धार्मिक महत्व। भगवान श्रीकृष्ण की मासिक आराधना का यह शुभ अवसर न चूकें।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, जिसे जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है, हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। हालांकि अधिक प्रसिद्ध जन्माष्टमी भाद्रपद माह में मनाई जाती है, लेकिन हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी के रूप में भी मनाया जाता है। इसमें ज्येष्ठ माह की कृष्ण अष्टमी, अर्थात् ज्येष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी, विशेष महत्व रखती है।
ज्येष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी 2025 की तिथि और समय
- तिथि: मंगलवार, 20 मई 2025
- अष्टमी तिथि प्रारंभ: 20 मई 2025 को प्रातः 04:21 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 21 मई 2025 को प्रातः 03:25 बजे
इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और रात्रि में भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान का स्मरण करते हैं।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
मासिक जन्माष्टमी का पर्व भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहने का अवसर प्रदान करता है। यह व्रत जीवन में संतुलन, धैर्य और आत्मिक शुद्धि लाने में सहायक होता है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पूजा विधि
1. प्रातःकालीन स्नान: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. पूजा स्थल की तैयारी: घर के पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. पूजन सामग्री: तुलसी पत्र, मक्खन, मिश्री, फल, फूल, दीपक, धूपबत्ती आदि।
4. पूजा प्रक्रिया:
o भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी पत्र और भोग अर्पित करें।
o श्रीकृष्णाष्टक, श्रीकृष्ण चालीसा या भगवद्गीता का पाठ करें।
o आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
व्रत के नियम
- व्रतधारी दिनभर उपवास रखते हैं और केवल फलाहार करते हैं।
- रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय (निशीथ काल) पूजा करके व्रत का पारण करते हैं।
- व्रत के दौरान मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।
ज्येष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: इस व्रत से आत्मिक शुद्धि और भगवान के प्रति भक्ति में वृद्धि होती है।
- मन की शांति: व्रत और पूजा से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- संकटों से मुक्ति: भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है।
- सुख-समृद्धि: घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
अन्य मासिक कृष्ण जन्माष्टमी तिथियाँ (2025)
- आषाढ़ कृष्ण जन्माष्टमी: 18 जून 2025
- श्रावण कृष्ण जन्माष्टमी: 17 जुलाई 2025
- भाद्रपद कृष्ण जन्माष्टमी: 15 अगस्त 2025
- आश्विन कृष्ण जन्माष्टमी: 14 सितंबर 2025
- कार्तिक कृष्ण जन्माष्टमी: 13 अक्टूबर 2025
- मार्गशीर्ष कृष्ण जन्माष्टमी: 11 नवंबर 2025
- पौष कृष्ण जन्माष्टमी: 11 दिसंबर 2025
निष्कर्ष
ज्येष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होने का एक पवित्र अवसर है। इस दिन व्रत, पूजा और भजन-कीर्तन के माध्यम से भक्त अपने जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं, तो इस मासिक जन्माष्टमी को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं।
डिस्क्लेमर:
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी जनमानस की आस्था और प्रचलन पर आधारित है। कृपया किसी भी व्रत या पूजन विधि को अपनाने से पहले अपने पंडित या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।