Sensex अप्रैल 2025: व्यापारिक तनावों के बीच गिरावट और सुधार की कहानी
अप्रैल 2025 में भारतीय शेयर बाजार ने अमेरिकी व्यापारिक नीतियों और टैरिफ विवादों के कारण उतार-चढ़ाव का सामना किया। जानिए Sensex की चाल, सेक्टर प्रदर्शन और निवेशकों की प्रतिक्रिया।

अप्रैल 2025 का Sensex: उतार-चढ़ाव से भरा महीना
अप्रैल 2025 में भारतीय शेयर बाजार ने वैश्विक व्यापारिक तनावों और अमेरिकी टैरिफ नीतियों के चलते भारी उतार-चढ़ाव देखा। महीने की शुरुआत बाजार गिरावट के साथ हुई, लेकिन कुछ सेक्टरों में सुधार और सकारात्मक परिणामों ने बाद में राहत दी।
टैरिफ संकट और बाजार में गिरावट
1 अप्रैल को बाजार में गिरावट दर्ज की गई। BSE Sensex 0.4% गिरकर 77,103.74 पर बंद हुआ जबकि Nifty 50 0.25% गिरकर 23,468.8 पर पहुंचा। टेक्नोलॉजी शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जिसमें 1.8% तक गिरावट आई।
इस गिरावट का मुख्य कारण था अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर चिंता। हालांकि, Vodafone Idea के शेयरों में 10% की तेजी आई क्योंकि सरकार ने कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाने का संकेत दिया था।
???????? अमेरिका का 26% टैरिफ और फार्मा सेक्टर की राहत
3 अप्रैल को अमेरिकी सरकार ने भारतीय उत्पादों पर 26% टैरिफ लगा दिया, जिससे बाजार में और गिरावट आई। यह निर्णय अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक असंतुलन को ठीक करने के प्रयास का हिस्सा था।
हालांकि, भारतीय फार्मास्युटिकल सेक्टर को इस टैरिफ से छूट मिली, जिससे फार्मा कंपनियों के शेयरों में लगभग 5% की बढ़त देखी गई।
बाजार की रिकवरी और सेक्टर प्रदर्शन
2 अप्रैल को बाजार में सकारात्मक माहौल बना। Sensex में 592 अंकों की तेजी आई और यह 76,617.44 पर बंद हुआ। Nifty में भी 166 अंकों की तेजी दर्ज की गई। सभी सेक्टरों में हरियाली देखने को मिली।
UltraTech Cement के शेयरों में 3.13% की तेजी रही जबकि Mahindra & Mahindra के शेयरों में 0.95% की गिरावट आई।
निवेशकों का मूड और आगे की संभावनाएं
टैरिफ के चलते निवेशकों में थोड़ी घबराहट दिखी, लेकिन फार्मा सेक्टर को मिली छूट और सरकार की नीतियों के चलते बाजार ने कुछ हद तक रिकवरी की।
April 2025 के अंत तक Sensex के 78,000 के करीब बंद होने की संभावना जताई गई, जो लगभग 3% की मासिक वृद्धि को दर्शाता है।
निष्कर्ष
अप्रैल 2025 का महीना भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण लेकिन अवसरों से भरा रहा। विदेशी नीतियों का असर स्पष्ट रूप से दिखा, लेकिन घरेलू ताकतों और कुछ सेक्टरों के बेहतर प्रदर्शन ने निवेशकों को राहत दी।