प्रथम बुढ़वा मंगल 2025: हनुमान जी की कृपा पाने का शुभ अवसर
जानिए प्रथम बुढ़वा मंगल 2025 की तिथि, पूजा विधि, पौराणिक कथाएं और इसका धार्मिक महत्व। हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन क्या करें।

उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों में "बुढ़वा मंगल" या "बड़ा मंगल" का त्योहार हनुमान जी की भक्ति में डूबे श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह पर्व ज्येष्ठ माह के मंगलवारों को मनाया जाता है, जिसमें प्रथम बुढ़वा मंगल का विशेष महत्व होता है।
प्रथम बुढ़वा मंगल 2025 की तिथि
- तिथि: मंगलवार, 13 मई 2025
इस दिन से ज्येष्ठ माह के पांच मंगलवारों की श्रृंखला शुरू होती है, जिन्हें बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जाता है।
बुढ़वा मंगल का धार्मिक महत्व
बुढ़वा मंगल हनुमान जी के वृद्ध रूप की पूजा का पर्व है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को बल, बुद्धि और साहस की प्राप्ति होती है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी माना जाता है जो जीवन में आने वाली बाधाओं और संकटों से मुक्ति पाना चाहते हैं।
पौराणिक कथाएं
1. राम-हनुमान मिलन: कहा जाता है कि ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी की पहली भेंट हुई थी। इसलिए इस दिन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
2. भीम-हनुमान कथा: महाभारत काल में भीम के अहंकार को तोड़ने के लिए हनुमान जी ने वृद्ध वानर का रूप धारण किया था। इस घटना के प्रतीक स्वरूप इस दिन को बुढ़वा मंगल कहा जाता है।
पूजा विधि
1. प्रातः स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
2. पूजा स्थल की तैयारी: घर के ईशान कोण में चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
3. पूजन सामग्री: लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल, बूंदी के लड्डू, काला चना, गुड़, दीपक, धूपबत्ती आदि।
4. पूजा प्रक्रिया:
o हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
o लाल फूल और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
o हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें।
o आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
विशेष उपाय
इस दिन हनुमान जी को बरगद के पत्ते पर केसर से "श्रीराम" लिखकर अर्पित करें और उस पत्ते को अपने पर्स में रखें। मान्यता है कि इससे धन की कमी नहीं होती। जब पत्ता सूख जाए तो उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें।
बुढ़वा मंगल के लाभ
- शारीरिक बल: हनुमान जी की पूजा से शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
- मानसिक शांति: भक्तों को मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
- संकटों से मुक्ति: जीवन में आने वाले संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- सुख-समृद्धि: घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
बुढ़वा मंगल के अन्य दिनांक (2025)
- दूसरा बुढ़वा मंगल: 20 मई 2025
- तीसरा बुढ़वा मंगल: 27 मई 2025
- चौथा बुढ़वा मंगल: 3 जून 2025
- पांचवां बुढ़वा मंगल: 10 जून 2025
निष्कर्ष
प्रथम बुढ़वा मंगल हनुमान जी की भक्ति और कृपा प्राप्त करने का एक अद्वितीय अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जीवन में आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं, तो इस बुढ़वा मंगल को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं।
डिस्क्लेमर:
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी जनमानस की आस्था और प्रचलन पर आधारित है। कृपया किसी भी व्रत या पूजन विधि को अपनाने से पहले अपने पंडित या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।